RSS ने बदली अपनी 90 साल पुरानी पहचान, अब नए ‘लुक’ में नजर आएंगे स्वयंसेवक
दिल्ली । RSS स्वयंसेवक अब नए लुक यानी नई वेशभूषा में नजर आएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य अब हाफ पैंट की जगह फुलपैंट में नजर आएंगे।
सोमवार को दस हजार खाकी फुलपैंटों की पहली खेप संघ के नागपुर मुख्यालय में उसकी दुकान पर पहुंच गयी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने करीब दस साल तक चली बहस और सर्वे के बाद गणवेश बदलने का फैसला इसी साल की शुरुआत में लिया था।
संघ के 12 सदस्यीय दल ने देशभर का दौरा करके सदस्यों से इस बारे में विचार भी जाने थे। अब खाकी फुलपैंट के साथ सफेद शर्ट, काली टोपी, ब्राउन मोजे और बांस की लाठी गणवेश में शामिल होगी।
RSS के स्वयंसेवक पहनेंगे अब फुल पैंट
पहले पैंट का रंग बदलकर ग्रे करने पर भी विचार किया गया था, लेकिन सहमति इस बात पर बनी कि वर्षों से संघ के साथ जुड़े खाकी रंग के राजनीतिक प्रतीक के कारण इसे नहीं छोड़ा जा सकता।
इससे पहले संघ ने 2011 में अपने गणवेश में लेदर बेल्ट की जगह मोटी कैनवास बेल्ट को शामिल किया था। शुरुआत में संघ के गणवेश में खाकी शर्ट और खाकी हाफपैंट शामिल थी, लेकिन 1940 में खाकी शर्ट की जगह सफेद शर्ट शामिल कर ली गई थी।
गौरतलब है कि आरएसएस सदस्य पिछले 90 सालों से खाकी हाफपैंट पहन रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार दशहरे पर 11 अक्टूबर को संघ के सदस्य हाफपैंट की जगह फुलपैंट अपना लेंगे।