
नई दिल्ली: देश इन दिनों बैंको की अनियमितता का दंश झेल रहा है. विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे लुटेरों के देश छोड़ने के बाद सरकार हजारो करोड़ के बकायेदारों पर शिकंजा कसने की जुगत में है. जहाँ किसानो की कर्जमाफी चुनावी घोषणा पत्र का एक अहम हिस्सा होता है वहीं नीरव मोदी और विजय माल्या सरीखे व्यापारियों को हजारो करोड़ के गबन से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है.
नीरव मोदी के देश छोड़ने के बाद सरकार ने अब रोटोमैक कम्पनी के चेयरमैन विक्रम कोठारी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. रोटोमैक कम्पनी के इंजन को भी दौड़ाने के लिए कई बैंकों ने पटरियां बिछाई थी अब उसकी भरपाई की बारी है.
विक्रम कोठारी के खिलाफ 3,695 करोड़ रुपये के बैंक लोन फ्रॉड को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है. विक्रम कोठारी, साधना कोठारी और राहुल कोठारी समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पीएनबी महाघोटाले के तुरंत बाद यह एक और मामला देश भर में सुर्खियों में बना हुआ है.
विक्रम कोठारी पर बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सात बैंकों से 2919 करोड़ का कर्ज लेकर गटक जाने का आरोप है. इस रकम पर ब्याज लगाकर कर जोड़ा जाए तो कोठारी पर सात बैंकों की कुल देनदारी 3695 करोड़ रुपये बैठती है.
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रोटोमैक की बकायेदारी बैंक ऑफ इंडिया- 754.77 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा- 456.63 करोड़, इंडियन ओरवसीज बैंक- 771.77 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया- 458.95 करोड़, इलाहाबाद बैंक- 330.68 करोड़, बैंक ऑफ महाराष्ट्र- 49.82 करोड़, ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स- 97.47 करोड़ की है.
रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी के खिलाफ टैक्स चोरी के मामले में आयकर विभाग ने 6 चार्जशीट दायर की है. चार्जशीट लखनऊ के स्पेश्ल कोर्ट में इनकम टैक्स एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज की गई है. इससे पहले आयकर अधिकारी रोटोमैक ग्रुप और इनके प्रमोटर की 4 अचल संपत्तियों को भी इस चार्जशीट में जोड़ चुकी है.
रोटोमैक ग्रुप के उत्तर प्रदेश के अलग-अलग बैंकों के 14 खातों को भी इसमें जोड़ा गया है. IT सेल के मुताबिक सारी संपत्तियों को बकाया टैक्स की वसूली के लिए चार्जशीट में जोड़ा गया है.