कांग्रेस का आरोप, भावुकता को ठगी का हथियार बन रहे केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार का विवादों से गहरा नाता रहा है. आन्दोलन से लेकर सत्ता के गलियारे तक केजरीवाल को अलग अलग तराजू पर तौला जाता रहा है. जन-आन्दोलन में अन्ना हजारे को लेकर विवाद, चुनावों में किरण बेदी को लेकर विवाद फिर पार्टी की राजनीतिक यात्रा के संयोजक के तौर पर काम करने वाले कुमार विश्वास के साथ रिश्तों में तल्खी और अब मुख्य सचिव के साथ केजरीवाल सरकार के विधायकों द्वारा हाथापाई करने का मामला गरम है हालांकि दिल्ली राज्यपाल के साथ खुद केजरीवाल का रवैया किसी से छुपा नहीं है.हारून

आम आदमी पार्टी की इन गतिविधियों ने विपक्षी पार्टियों को भी सियासत की तलवार की धार तेज करने का मौका दे दिया है.

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दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री हारुन यूसूफ ने सोमवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्संख्यक विरोधी है. उन्होंने गरीबों और हाशिए के लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं में भारी कमी की है जो कि आम आदमी पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है.

हारून के मुताबिक कांग्रेस ने 2013-14 में ST/SC/OBC के 7163 बच्चों को कॉलेज में स्कॉलरशिप दी थी, लेकिन AAP सरकार ने 2016-17 में एक भी बच्चे को स्कॉलरशिप नहीं दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली में 6 यूनिवर्सिटी और 20 कॉलेज खोले जो सबके सामने है. लेकिन AAP ने कितने कॉलेज खोले हैं?

हारून ने आंकड़े जारी करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार ने 2013-14 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडे़ वर्ग के 7,62,847 छात्रों को स्टेशनरी  खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दी थी जबकि केजरीवाल सरकार ने 2016-17 में एक भी छात्र को वित्तीय सहायता नही दी. हारून ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ST/SC/OBC के 7,03,452 बच्चों को पहली से बारहवीं तक स्कॉलरशिप दी थी जबकि  ‘आप’ सरकार ने 2016-17 में 1,49,711 को स्कॉलरशिप दी है.

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हारून ने आरोप लगाया कि दिल्ली के दलितों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्संख्यकों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ पहुंचाने में पूरी तरह असफल रही है.आवंटित बजट का 50 फीसदी भी केजरीवाल सरकार खर्च नहीं कर पाई है.

हारून ने कहा कि दिल्ली का बजट आना है लेकिन बजट को लेकर कोई बैठक नही हुई है और ना ही केजरीवाल सरकार बजट का 50 फीसदी अब तक खर्च कर पाई है। अंत के हारून यूसुफ ने केजरीवाल सरकार पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि “ये ज़िंदा लाश हैं जिनका हिसाब दिल्ली की जनता करेगी”.

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