मजाक ने बदल दी जिंदगी, बन गईं रिवॉल्वर दादी

रिवॉल्वर दादीभारत शानदार देश है. यहां तरह–तरह के लोग बसते हैं. कुछ लोग इतिहास बन जाते हैं या इतिहास बनाते हैं. जो इतिहास बनाते हैं,  उनकी कहानी सभी को प्रेरणा देती है. ऐसे ही लोगों में उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के जोहड़ी गांव की 82 वर्षीय चन्द्रो तोमर हैं. चन्द्रो साधारण महिला नहीं बल्कि वह इंडिया में रिवॉल्वर दादी के नाम से फेमस हैं.

रिवॉल्वर दादी का सफर

दादी की निशानेबाजी सीखने का सफर रोमांचक है. एक बार मजाक में दादी ने बंदूक से निशाना लगाया और वह ठीक निशाने में जा लगी.

उन्होंने 65 साल की उम्र में शूटिंग सीखना शुरू किया था.

जिस उम्र में लोगों से हाथ-पैर कांपने लगते हैं, दादी सधे हुए हाथों से निशाना लगा रही थीं.

शुरू में उनका मजाक उड़ाया जाता था लेकिन उनकी निशानेबाजी देखकर सभी के मुंह पर ताला लग गया.

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दादी हाथों को साधने के लिए रोज हाथ में पानी भरा जग लेकर प्रैक्टिस करने लगी.

इस पर उनके पति भी उनका मजाक उड़ाने लगे.

दादी घबराई नहीं बल्कि और जोरों से प्रैक्टिस करने लगी.

आख़िरकार दादी की सिद्दत से की हुई मेहनत रंग लाई.

आज वह देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी रिवाल्वर दादी के नाम से फेमस हैं.

दादी ने स्टेट लेवल पर कई मेडल जीते हैं.

अब दादी अपने गांव की लड़कियों को भी ये कला भी सीखा रही हैं.

उन्होंने खुद की शूटिंग रेंज खोली है, जहां वह गांव की लड़कियों को ट्रेनिंग देती हैं.

इस उम्र में भी रिवॉल्वर दादी निशानेबाजी में इतनी माहिर हैं कि अपनी उम्र से कम लोगों को भी पीछे छोड़ सकती हैं.

उन्होंने रात दिन एक करके इस कला में महारथ हासिल की है.

चन्द्रो को कई नेशनल अवार्ड्स से नवाजा जा चुका है.

चन्द्रो तोमर को महिला व बाल विकास मंत्रालय ने 100 वुमन अचीवर्स में भी जगह दे चुकी है.

चन्द्रो कई कम्पटीशन्स में पार्टीसिपेट कर चुकी हैं.

चन्द्रो गृहस्थी के साथ खेतीबाड़ी भी सम्भालती हैं.

 

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