आरक्षण हिंसा पर हार्दिक पटेल समेत तीन दोषी करार, दो साल जेल की सजा,कोर्ट से ही मिली बेल

अहमदाबाद। गुजरात की एक अदालत ने बुधवार को पाटीदार आंदोलन के मुखिया हार्दिक पटेल और उनके दो सहयोगियों को 2015 में मेहसाणा जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के आरोप में दो साल कैद की सजा सुनाई है।

हार्दिक पटेल

सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पाटीदार युवाओं के लिए आरक्षण की मांग के लिए एक रैली निकाली गई थी जो विसनगर में हिंसक हो गई, जिसके बाद कार्यालय में तोड़फोड़ हुई थी।

करीब तीन से पांच हजार लोगों की भीड़ ने भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी।

हार्दिक पटेल सहित सभी 17 लोगों के खिलाफ आगजनी, दंगा करने और आपराधिक साजिश के तहत आरोप लगाए गए थे।

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पटेल को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। अदालत ने उसके बाद से उन्हें मेहसाना जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।

हार्दिक पटेल सहित सभी 17 लोगों के खिलाफ आगजनी, दंगा करने और आपराधिक साजिश के तहत आरोप लगाए गए थे।

पटेल को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। अदालत ने उसके बाद से उन्हें मेहसाना जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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