चुनाव से पहले सीएम योगी ने छोड़ा ‘ब्रह्मास्त्र’, सपा-बसपा हो जायेंगे नतमस्तक
लखनऊ। गोरखपुर-फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सियासी रूट पर ज़ोरदार वापसी के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। वैसे तो सपा-बसपा गठबंधन कई मायनों में ख़ास है। खासतौर पर अल्पसंख्यक समुदाय में इस गठबंधन से खासी उम्मीदें हैं।
लेकिन अब भाजपा भी सियासी बिसात बिछाने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है। इस बार सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी चुनाव से पहले मास्टर कार्ड खेला है।
दरअसल, योगी ने विधानसभा के बजट सेशन में कहा कि जरूरत पड़ने पर महादलित और अति पिछड़ों को आरक्षण देने पर विचार किया जा सकता है। साफ है कि योगी आदित्यनाथ ने इस चाल से बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।
उपचुनाव में बीजेपी के बिगड़े समीकरण के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित को साधने की कवायद की है।
मुख्यमंत्री योगी के इस जातीय कार्ड से सपा-बसपा के वोटबैंक पर अच्छा खासा प्रभाव पड़ सकता है। जोकि गठबंधन के लिए कतई सही नही होगा। साथ ही सीएम ने इस मास्टर कार्ड के जरिए सपा-बसपा की बढ़ती नजदीकियों के चलते एकजुट हो रहे दलित-पिछड़ों के वोटबैंक में सेंधमारी की तैयारी की है।
गुरुवार को विधानसभा के बजट अभिभाषण में योगी आदित्यनाथ ने सूबे के अतिपिछड़ों और महादलितों को अलग से आरक्षण देने पर विचार करने की बात कही है।
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गौरतलब है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव के दलित वोटबैंक में इसी फॉर्मूले से सेंध लगाई थी और अपना वोट बैंक तैयार किया था। इसी का नतीजा है कि वे मौजूदा दौर में बिहार की सत्ता में काबिज हैं।
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अब देखने वाली बात होगी कि आगामी चुनाव में सीएम के इस मास्टर कार्ड से भाजपा को कितना फायदा होता है।
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