समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बहाल की गई Y श्रेणी सुरक्षा को लेने से साफ इनकार कर दिया है। जेल से 23 महीने बाद रिहा होने के महज कुछ दिनों बाद मिली इस सुरक्षा को उन्होंने तब तक स्वीकार न करने का ऐलान किया है, जब तक सरकार की ओर से लिखित आदेश न मिले। खां ने कहा कि उन्हें सुरक्षा बहाल करने की कोई आधिकारिक जानकारी या दस्तावेज नहीं सौंपा गया है, इसलिए वे इसे मानने को तैयार नहीं हैं।
रामपुर में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में आजम खां ने पुलिसकर्मियों को भी साफ कह दिया है कि पहले सरकारी आदेश लेकर आएं, तभी वे इस व्यवस्था को स्वीकार करेंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जब एक बार के विधायक को केंद्र सरकार के कमांडो मिल सकते हैं, तो मुझे केवल Y श्रेणी की सुरक्षा क्यों दी गई है?” खां ने आगे खर्च का मुद्दा भी उठाया, यह कहते हुए कि Y श्रेणी सुरक्षा में गाड़ी और अन्य सुविधाओं का प्रावधान होता है, जिसका बोझ वह वहन करने की स्थिति में नहीं हैं। जेल से रिहाई के बाद से लगातार सुर्खियों में छाए आजम का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
यह पहली बार नहीं है जब आजम खां ने सुरक्षा को लेकर असहमति जताई हो। 27 महीने तक सीतापुर जेल में रहने के दौरान जमानत पर रिहा होने के बाद उन्हें सुरक्षा वापस मिली थी, लेकिन उन्होंने उसे तुरंत लौटा दिया था। अब, 23 सितंबर 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट से क्वालिटी बार केस में जमानत मिलने के बाद नैनी जेल से रिहा हुए खां को फिर से Y श्रेणी सुरक्षा बहाल कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, इस सुरक्षा के तहत छह पुलिसकर्मी 24 घंटे निगरानी करेंगे—पांच आवास पर तैनात रहेंगे, जबकि तीन उनके साथ चलेंगे। एसपी विद्या सागर मिश्रा ने स्पष्ट किया कि खां को पहले से Y श्रेणी सुरक्षा मिली हुई थी, जो जेल जाने पर समाप्त नहीं की गई थी, और अब रिहाई के बाद इसे फिर से सक्रिय कर दिया गया है।
आजम खां, जो दस बार विधायक, एक बार लोकसभा सदस्य, राज्यसभा सदस्य और पांच बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, 2012-2017 तक सपा सरकार में मंत्री थे। भाजपा सरकार आने के बाद 2019 से उनकी मुश्किलें बढ़ीं, जब उन पर एक के बाद एक 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें डूंगरपुर और यतीमखाना बस्ती खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, डकैती, मारपीट जैसे आरोप शामिल हैं। 23 महीने पहले बेटे अब्दुल्ला आजम खां के जन्म प्रमाणपत्र मामले में सजा मिलने पर वे पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा और बेटे के साथ जेल गए थे। अब सभी जमानत पर बाहर हैं, लेकिन डूंगरपुर केस में सजा हो चुकी है।
रिहाई के बाद रामपुर में सैकड़ों समर्थक आजम से मिलने पहुंच रहे हैं, जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। खां की यह चेतावनी सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास मानी जा रही है, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए। क्या सरकार लिखित आदेश जारी करेगी या सुरक्षा वापस लेगी—यह अब देखना बाकी है।





