बीएचयू बवाल : खुफिया रिपोर्ट से खुलासा, बड़ी घटना को अंजाम देने की थी पूरी तैयारी!

बीएचयूनई दिल्ली। बीते कई दिनों से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक के बाद एक हो रही यहां की घटनाओं ने राजनीतिक रंग ले लिया है। सारा हंगामा छात्राओं पर आधी रात को लाठीचार्ज की घटना से हुआ। बीएचयू की घटना पर राज्य की योगी सरकार से लेकर मोदी सरकार तक को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। अब इस पर देश की खुफिया ब्यूरो ने रिपोर्ट सौंपी है, वो चौंकाने वाली है।

खुफिया ब्यूरो की तरफ से सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्र आंदोलन के बहाने पीएम के दौरे के समय ही किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की पूरी तैयारी की गई थी। खुफिया एजेंसी ने अपनी यह रिपोर्ट पीएमओ को भी भेजी है।

इस घटना पर सूत्रों के अनुसार, खुफिया ब्यूरो इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा को जोड़कर देख रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, अगर कुलपति सिर्फ दो मिनट नाराज छात्राओं से बात कर लेते तो स्थिति न ‘विकराल’ रूप न लेती। इसी कारण अंतिम समय में पीएम का रुट बदलना पड़ा जो यूपी पुलिस के लिए भी परेशानी का कारण बना।

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बहरहाल, बीएचयू की घटना को लेकर पीएमओ भी गंभीर हो गया है। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के बाद कयास  लगाए जा रहे हैं कि पीएमओ कोई सख्त कदम इस मामले में उठा सकता है। साथ ही कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी को छुट्टी पर भी भेजा जा सकता है। वहीं कुलपति के रिटायर होने का भी समय करीब आ रहा है।

दूसरी तरफ, आईबी की तरफ से होम मिनिस्ट्री में एक रिपोर्ट दाखिल हुई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएचयू की घटना एक सुनियोजित साजिश थी। पूरे मामले को बड़ा बनाने के लिए बीएचयू को भी दोषी ठहराया गया है।

पिछले दिनों बीएचयू में एक छात्रा के साथ हुई छेड़खानी की घटना के बाद विरोध और धरना प्रदर्शन शुरू हुआ था। छात्राओं ने विश्वविद्यालय कैंपस में ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

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21 सितंबर को शाम को भारत कला भवन के पास छात्रा से जब छेड़खानी हुई तो सुरक्षाकर्मियों के रवैये ने उन छात्राओं को दुखी किया। छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन से लिखित शिकायत की तो उसे पुलिस को देने के बजाए दबा दिया गया।

22 सितंबर को जब छात्राएं बीएचयू गेट पर धरने पर बैठीं तब शिकायत थाने तक पहुंचाई गई। जिसके बाद यूपी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। छात्राओं ने कुलपति को बुलाने की मांग की जिसे कुलपति ने नजरअंदाज कर दिया।

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यूपी पुलिस ने लड़कियों के साथ हुई छेड़छाड़ की शिकायत पर एक्शन लेने के बजाए रात के वक्त छात्राओं के छात्रावास में जाकर उनपर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया जो बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। हद तो तब हो गई जब यूपी पुलिस ने 1200 छात्राओं के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया। ये पूरा वाकया यूपी पुलिस के अमानवीय चेहरे को उजागर कर रहा है।

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