‘अर्थव्यवस्था बचाने की दिशा में बैंकों का रीकैपिटलाइजेशन अनोखा कदम साबित होगा’

मुंबई| सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये की योजना बैंकिंग प्रणाली की हालत और देश के आर्थिक भविष्य की रक्षा के लिए बड़ा कदम है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को एक बयान में कहा, “सरकार का भारतीय बैंकिंग प्रणाली की हालत सुधारने के लिए निर्णायक पैकेज की घोषणा आरबीआई की नजर में देश के आर्थिक भविष्य की रक्षा के लिए बड़ा स्मरणीय कदम है।”

बैंकों के पुनर्पूंजीकरण पर बोले गवर्नर

उन्होंने कहा, “स्थिर आर्थिक वृद्धि के लिए पूंजीकृत बैकिंग और वित्तीय प्रणाली की पहले से जरूरत थी। आर्थिक इतिहास ने लगातार दिखाया है कि स्वस्थ बैंक ही स्वस्थ कंपनी या कर्जदार को ऋण दे सकता है, जिससे निवेश व नौकरी निर्माण का चक्र पैदा होता है।”

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उर्जित ने कहा, “अंतिम दशक में पहली बार, हमारे पास बैंकिंग क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए वास्तविक मौका है। इससे हमें अच्छी तरह से पता चलता है कि यह कदम व्यापक आर्थिक स्थितियों केसमय अलग मोर्चे पर अर्थव्यवस्था के लिए उठाया गया है।”

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इस प्रोत्साहन पैकेज का उद्देश्य आगे बढ़ रहे आर्थिक विकास को बढ़ाना, नौकरियां पैदा करना और क्रेडिट प्रवाह में वृद्धि करना है। कैबिनेट ने मंगलवार को सार्वजनिक बैंकों के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के पुनर्पूजीकरण और पांच वर्षो में भारी-भरकम सड़क निर्माण परियोजनाओं के लिए करीब सात लाख करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी थी।

इसमें 1.35 लाख करोड़ रुपये पुर्नपूजीकरण बांड के जरिए दिए जाएंगे और शेष राशि बजटीय सहायता और बाजार से उधार राशियों के जरिए जुटाए जाएंगे।

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