पीएम मोदी को झटका, नियमों में उलझी टेस्ला ने छोड़ा भारत का साथ

पीएम मोदीनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्राएं करने को लेकर विपक्षियों के निशाने पर रहते हैं। कई बार पीएम मोदी के इन दौरों को घूमना कहा गया। लेकिन साल 2015 में मोदी को अमेरिकी यात्रा के दौरान एक बड़ी उम्मीद दिखी थी, जो धरासाई हो गई।

मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम को झटका देते हुए इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट चीन के शंघाई में बनाने जा रही है। भारत सरकार और टेस्ला के बीच भारत में पहला ओवरसीज प्लांट खोलने की बातचीत चल रही थी, लेकिन मेक इन इंडिया के नियमों की गुत्थी में उलझे टेस्ला ने भारत से किनारा करते हुए चीन में प्लांट बनाने का फैसला किया है।

टेस्ला भारत में प्लांट लगाने के लिए पूरी तरह तैयार था लेकिन भारत सरकार मेक इन इंडिया कार्यक्रम की उस शर्त पर अड़ी रही जिसके मुताबिक विदेशी कंपनी अगर भारत में अपना प्लांट लगाती है तो उसे 30 प्रतिशथ कल-पुर्जे भारत से ही लेने होंगे।

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अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला चीन में पूर्ण स्वामित्व वाला प्लांट बनाने वाली पहली कंपनी होगी।

भारत के लिए टेस्ला का यह प्लांट बहुत जरूरी था, क्योंकि भारत तेल से चलने वाली गाड़ियों से अपनी निर्भरता खत्म कर क्लीन इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलाना चाहता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, फ्री-ट्रेड क्षेत्र में बनी टेस्ला की हर कार पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क की बचत होगी। हालांकि इस संबंध में टेस्ला या शंघाई सरकार के प्रतिनिधि अभी कॉमेंट के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। टेस्ला ने जून में कहा था कि वह शंघाई के अधिकारियों के साथ संयंत्र के संबंध में बातचीत कर रहा है।

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बता दें कि चीन में भी टेस्ला के प्लांट बनाने को लेकर नियम आड़े आए थे। किसी विदेशी वाहन कंपनी को अमूमन किसी स्थानीय कंपनी के साथ मिलकर संयुक्त उपक्रम बनाना होता है। इससे मुनाफा बंटने और प्रौद्योगिकी साझा करने की मजबूरी होती है।

अज्ञात सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी का यह उत्पादन संयंत्र शंघाई के फ्री-ट्रेड क्षेत्र में बनेगा। इससे टेस्ला को चीन में अपनी कारों की कीमत कम करने की सहूलियत मिल सकती है।

2015 में अमेरिका यात्रा पर पीएम मोदी ने टेस्ला फैक्ट्री का दौरा किया था। उस दौरान टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने कहा था कि भारत संभावनाओं का देश है। एलन मस्क ने भारत के 2030 तक सभी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक करने के मिशन की तारीफ भी की थी और भारत में अपना मेगा प्लांट लगाने की इच्छा जताई थी।

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