RBI का दावा, भारतीय अर्थव्यवस्था की गति रहेगी 10.5% पर बरकरार, कोविड-19 के ज़ख्म भर जाएंगे

भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को नीति समीक्षा पेश की, जिसमें वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि 10.5 फीसदी पर बरकरार रहने का अनुमान जताया गया है। पहली तिमाही में 26.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 8.3 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.2 फीसदी पर रहना का अनुमान है। इसके साथ ही आरबीआई द्वारा जारी ताजा नीति समीक्षा में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण में से आर्थिक वृद्धि दर में सुधार को लेकर अनिश्चितता पैदा होने की बात भी कही गयी है।

कोविड-19 के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को नयन्त्रण में लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उनका मानना है कि वैक्सीनशन अभियान तेज़ होने के साथ-साथ विश्वभर की अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। लेकिन हाल ही में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़े हैं, उससे थोड़ी अनिश्चितता बढ़ी है। इसके बावजूद उनका कहना है कि भारत चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।

उधारी दर को चार फीसदी पर अपरिवर्तित पर रखते हुए आरबीआई ने जरूरत पड़ने पर आगे कटौती की बात भी कही है। उत्पादक क्षेत्रों को ऋण आसानी से प्राप्त हो इसके लिए दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही आरबीआई का कहना है कि विनिर्माण, सेवाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की कंपनियों को डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। तो वहीँ, दूसरी तरफ बढ़ते कोविड-19 के मामले उपभोक्ता का विश्वास कमज़ोर कर रहें हैं।

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