राशन घोटाला: एसटीएफ के हत्थे चढ़ा शातिर गैंग, घोटाले की कीमत जानकर सोच में पड़ जायेंगे आप
रिपोर्ट- उमेश मिश्रा
लखनऊ। सरकारी योजानाओं में खामियों का फायदा उठाकर यूपी में 20 करोड़ के राशन घोटाले का खुलासा एसटीएफ ने किया है। एसटीएफ ने यूपी के आधारकार्ड आधारित सरकारी राशन वितरण में सेंध लगाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों से एक कंप्यूटर, सीपीयू और राशन वितरण में इस्तेमाल होने वाली दो इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट आफ सेल (ईपॉस) मशीन बरामद की है।
एसटीएफ के मुताबिक, जल्द ही इस घोटाले में अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी होगी। इस घोटाले में खाद्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है या लापरवाही इसका खुलासा भी जल्द होगा।
सरकारी राशन हर जरूरतमंद तक पहुंचे। इसके लिए इसके लिए जीतोड़ प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने इस स्कीम को बायोमैट्रिक आइडेंटिटी के सिस्टम आधारकार्ड से जोड़ा ताकि सरकारी राशन सिर्फ उस व्यक्ति के पास ही पहुंचे।
जिसका आधारकार्ड राशनकार्ड से लिंक हो। लेकिन घोटालेबाजों ने इस सिस्टम की एक खामी का फायदा उठाया और चार महीने में 20 करोड़ का सरकारी राशन डकार गए।
सरकारी राशन में घोटाले की एफआईआर 43 जिलों में हुईं, तो इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। एसटीएफ ने अपने साईबर थाने में इसकी एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। और रविवार को लखनऊ के वजीरगंज के एक राशन कोटेदार मोहम्मद आमिर को गिरफ्तार किया।
आमिर से मिली जानकारी के बाद आमिर के भाई अल्तमश को गिरफ्तार किया गया। जो खाद्य विभाग में संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर था। दोनों भाईयों से सख़्ती से पूछताछ के बाद नोएडा निवासी पुष्पेंद्र पाल को भी लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
तीनों से पूछताछ के बाद एसटीएफ से पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में घोटाले के सिस्टम का खुलासा किया।
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, राशन कार्ड में आधार कार्ड से संबंधित जानकारियों को दुरुस्त करने के लिए खाद्य विभाग के इंस्पेक्टर को अधिकार होता है।
खाद्य विभाग के इंस्पेक्टर का लॉगइन आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल कर किसी भी राशनकार्ड उपभोक्ता के डेटा में बदलाव संभव था।
लखनऊ से गिरफ्तार संविदा कंप्यूटर आपरेटर अल्तमश के पास सप्लाई इंस्पेक्टर का लॉगइन पासवर्ड था। इसी का इस्तेमाल कर उसने अपने कोटेदार भाई आमिर के पास मौजूद इस्तेमाल न होने वाले राशनकार्डों को आधारकार्ड में बदलाव के नाम पर सप्लाई इंस्पेक्टर के लॉगइन पासवर्ड से खोला। और पुष्पेंद्र के अंगूठे के बायोमीट्रिक निशान का इस्तेमाल कर सैकड़ों खातों से राशन निकाल लिया।
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इसी प्रक्रिया से कई और कोटेदारों के माध्यम से हज़ारों उपभोक्ताओं का राशन निकाल लिया गया। पुष्पेंद्र को आधारकार्ड के बायोमीट्रिक सिस्टम में डेटा बदलाव करने की पूरी जानकारी थी।
इसलिए वो अक्सर लखनऊ आता था। और राजधानी के कोटेदार आमिर के पास इकट्ठे हो जाते थे। और सबके यहां सुप्त पड़े खातों से अनाज निकाल लिया जाता था।
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बायोमीट्रिक सिस्टम में सेंध लगाकर सरकारी अनाज हड़पने का ये रैकेट पूरे प्रदेश में चल रहा है। इस सिस्टम में खाद्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जांच एसटीएफ कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही कई और जिलों से इस घोटाले में गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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