सरकार ने सभी इंटरनेट कंपनियों को दिए सख्त निर्देश, अश्लीलता पर लगाएं रोक

रेपनई दिल्ली। आज के दौर में रेप और गैंगरेप जैसे संवेदनशील वीडियो भी इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इसके साथ ही चाइल्ड पॉर्नग्राफी के मामले में भी काफी इजाफा हो रहा है। इस बात को बेहद गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। सरकार ने गूगल, फेसबुक, यूट्यूब, याहू, माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और वॉट्सऐप जैसी इंटरनेट और सोशल मीडिया कंपनियों से इंटरनेट पर तेजी से शेयर हो रही चाइल्ड पॉर्नोग्रफी, रेप और गैंग-रेप से संबंधित आपत्तिजनक कॉन्टेंट्स पर जल्द से जल्द शिकंजा कसने को कहा है।

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इसके साथ ही इस तरह के कॉन्टेंट्स की अपलोडिंग और मिसयूज पर नजर रखने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर देने का फैसला लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक़ ऐसे में भारतीय भाषाएं भी घेरे में आएगी।

आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ प्रज्वला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इस तरह की आपत्तिजनक सामग्रियों के प्रसार पर चिंता व्यक्त की थी। इसलिए सरकार इंटरनेट पर बिना रोकटोक फैल रहे चाइल्ड पॉर्न और रेप विडियोज के मुद्दे पर कठोर कार्रवाई करना चाहती है।

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सूत्रों के मुताबिक़ ‘कंपनियां अभी एक रिपोर्टिंग सिस्टम का पालन कर रही हैं जहां इस तरह के मामले आने के बाद सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है। सरकार इस तरीके से खुश नहीं है क्योंकि यह रिऐक्टिव है, न कि प्रोऐक्टिव।’ उसने कहा, ‘हम इस पर छानबीन तेज करना चाहते हैं ताकि भविष्य में इन्हें तुरंत पकड़ा जा सके और पहली बार अपलोड होते वक्त ही रोका जा सके।’

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