पर्रिकर के उत्तराधिकारी के तौर पर ये नाम आया सामने, कांग्रेस भी रह गई हैरान

पणजी गोवा में कांग्रेस के विधायक सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्टे के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा की सहयोगी गोवा फॉरवर्ड और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी भी पसोपेश में पड़ गईं है।

पर्रिकर

विधायकों के पाला बदलने से अब गोवा में कांग्रेस और भाजपा, दोनों के विधायकों की संख्या 14 हो गई है। अब कांग्रेस राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी नहीं रही और इसीलिए अब वह राज्यपाल के समक्ष जाकर सरकार बनाने के अपने विशेषाधिकार का दावा नहीं ठोक सकती है।

यह भी पढ़ें:- व्यापमं आरोपी संग मंच साझा कर घिरे ‘मामा’, कांग्रेस ने लपका मौका, चलाया ट्विटर ‘तीर’

इसके साथ ही भाजपा की सत्तारूढ़ सहयोगी गोवा फॉरवर्ड और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के जो सदस्य कांग्रेस के साथ मिलीभगत कर रह थे, उनके पास भी अपना दांव आजमाने की कम ही गुजाइश बची है। विशेषकर, भाजपा के केंद्र और राज्य नेतृत्व द्वारा उन्हें राज्य विधानसभा को भंग करने की धमकी दिए जाने के बाद।

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर कैंसर के इलाज के कारण बीते कुछ महीनों में अधिकांश समय अस्पताल में रहे हैं। ऐसे में उनके उत्तराधिकारी की चर्चा तेज हो गई है और ऐसे में कांग्रेस के दोनों विधायकों को तोड़ने में बड़ी भूमिका निभाने वाले 47 वर्षीय स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में से एक बताए जा रहे हैं।

कांग्रेस सचिव ए. चेल्लाकुमार ने मंगलवार को कहा था, “उन्होंने (विश्वजीत ने) निश्चित ही भाजपा हाईकमान को बताया होगा कि वह कांग्रेस के दो विधायकों को साथ में लेकर आएंगे, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए।”

तीन बार के विधायक (दो बार कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके) राणे ने जोर देकर कहा कि गोवा में कांग्रेस को खत्म करना उनका मिशन है।

यह भी पढ़ें:-केरल के पुलिस प्रमुख ने दिया आश्वासन, सबको है सबरीमाला जाने का अधिकार

राणे ने कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी को खत्म कर दूंगा। उसकी संख्या इस साल क्रिसमस तक घटकर 10 (विधायकों की) हो जाएगी। अपने लोगों को बचाइए, राहुल गांधी को यह मेरा संदेश है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से ऊब चुके हैं।”

जब उनसे मुख्यमंत्री पद की आकांक्षा के बारे में पूछा गया तो स्वास्थ्य मंत्री ने विनम्र रुख दिखाया। उन्होंने कहा, “मैं पार्टी का महज एक सदस्य हूं, जो उसे दिए गए कार्यो को करना चाहता है। मेरी निजी तौर पर ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है।”

कांग्रेस सरकार में चार बार मुख्यमंत्री रहे प्रतापसिंह राणे के बेटे विश्वजीत राणे ने 2017 विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे।

देखें वीडियो:-

LIVE TV