
मंगलवार को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर 16 घंटे की चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीन आतंकियों की पहचान फोरेंसिक जांच से हुई, जो 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार थे। इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 निर्दोष लोगों की जान ली थी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति का प्रभावी और निर्णायक प्रदर्शन था। इसका उद्देश्य सीमापार से भारत को अस्थिर करने की साजिशों को करारा जवाब देना था। यह ऑपरेशन भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक था। पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की और उन्हें कठोर जवाब देने की पूरी छूट दी। ऑपरेशन सिंदूर को 6-7 मई 2025 की रात महज 22 मिनट में अंजाम दिया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और हैंडलर मारे गए।
ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों की पहचान फोरेंसिक जांच से पुष्ट हुई, जो भारत की खुफिया और सैन्य क्षमता को दर्शाता है। ऑपरेशन से पहले गहन अध्ययन किया गया ताकि आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया जाए और आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो। भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के 9 ठिकानों पर सटीक हमले किए।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी कोई हरकत होने पर भारत ऑपरेशन सिंदूर को फिर से शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि 10 मई 2025 को पाकिस्तान के सैन्य महानिदेशक ने भारत के समकक्ष से संपर्क कर कार्रवाइयों को रोकने की अपील की थी, जिसके बाद 12 मई को युद्धविराम पर सहमति बनी। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की नीति भगवान राम और श्रीकृष्ण से प्रेरित है, जो शांति को शक्ति मानती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सेना शेर की तरह ताकतवर है, लेकिन मेंढकों को मारने में विश्वास नहीं रखती। भारत ने कभी किसी देश की जमीन पर कब्जा नहीं किया, लेकिन आतंकवाद के आकाओं को सबक सिखाने में सक्षम है।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऑपरेशन की पारदर्शिता, सुरक्षा चूक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम में मध्यस्थता के दावों पर सवाल उठाए। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर को किसी बाहरी दबाव में नहीं रोका गया, बल्कि इसके सभी लक्ष्य पूरे होने के बाद इसे स्वेच्छा से रोका गया। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि सवाल छोटे मुद्दों पर नहीं, बल्कि भारत की सैन्य सफलता और आतंकियों के खात्मे पर केंद्रित होने चाहिए।