
नई दिल्ली। सेंसर बोर्ड की ओर से ‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ हुई फिल्म को हरी झंडी मिलने के बाद भी बवाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर करणी सेना फिल्म रिलीज के विरोध में है। वहीं अब राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने भी फिल्म को रिलीज न होने देने की बात कही। बता दें फिल्म की रिलीज डेट अब 25 जनवरी तय की गई है। साथ ही फिल्म से कई दृश्यों को भी हटा लिया गया है।
खबरों के मुताबिक़ कटारिया ने कहा कि सूबे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार लोगों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती। लोग फिल्म के रिलीज होने के खिलाफ हैं।
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बता दें कि राजस्थान में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव के साथ हाल के दिनों में कुछ सीटों पर महत्वपूर्ण चुनाव होने हैं। इसमें अजमेर और अलवर की लोकसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव भी शामिल हैं।
वहीं राजस्थान में भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने एक न्यूज चैनल से कहा है कि अगर सेंसर बोर्ड ने फिल्म को अनुमति दी है तो फिल्म से उन सभी दृश्यों को हटाया होगा जो आपत्तिजनक हैं। अगर इन दृश्यों को हटाया गया है तो फिल्म के रिलीज होने पर हमें कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर ऐसा नहीं किया गया है तो ये सहन नहीं किया जाएगा।’
वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने मामले में भाजपा पर निशाना साधा है। पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे को सुलझाने में नाकाम रही है।
राजस्थान में पार्टी प्रमुख सचिन पायलट ने एक न्यूज चैनल से कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम हो चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि जब फिल्म निर्माण चल रहा तब सरकार को देखना चाहिए था कि फिल्म से किसी समुदाय की भावनाएं आहत ना हों।
तब भाजपा ने फिल्म निर्माण को मंजूरी दी। लेकिन अब राजनीतिक फायदे के लिए अलग-अलग राज्य इसका विरोध कर रहे हैं।
इससे पहले करणी सेना ने फिल्म के रिलीज होने पर विरोध जताया था। उनका कहना है कि रिलीज डेट चाहे 25 जनवरी हो या कुछ और… कहीं भी और कभी भी फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
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वहीं पिछले दिनों सेंसर बोर्ड ने भी फिल्म को इतिहासकारों की समिति को भी दिखाया था। जानकारी के अनुसार इस समिति के सदस्य भी इस फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ है। वे मानते है कि फिल्म में इतिहास के साथ खिलवाड़ हुआ है और यह कदम भावनाएं भड़काने वाला है।
करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा है कि इस फिल्म को कभी भी और कहीं भी रिलीज नहीं होने देंगे।
एक समाचार पत्र से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि राजपूत अपनी बात पर अड़िग है। इसका जमकर विरोध किया जाएगा।
उनका कहना है कि इस फिल्म में रानी पद्मावती का अपमान हुआ है। वे भारतीय संस्कृति और सम्मान की प्रतीक है। उनका अपमान करणी सेना और सर्व समाज किसी भी सूरत में नहीं सहेगा।
वहीं दूसरी ओर करणी सेना ने 27 जनवरी को चितौड़गढ़ किले में सर्व समाज से जुटने का आह्वान किया है। इस अवसर आंदोलन की रणनीति तय होगी।
करणी सेना के मुताबिक़ यदि इससे पहले फिल्म रिलीज होती है तो उसका विरोध किया जाएगा। राजपूत संगठन और इस फिल्म के पूर्ण प्रतिबंध की मांग कर रहे है।
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