शिक्षा के मंदिर में इंसानियत शर्मसार, 88 छात्राओं को दी गई कपड़े उतारने की सजा

महिला सुरक्षानई दिल्ली| हमारे देश में सरकार से लेकर आम आदमी तक महिला सुरक्षा पर बड़े-बड़े भाषण देता हुए नहीं थकता. सार्वजनिक मंचों पर हमेशा ही लड़कियों को बढ़ाने और पढ़ाने की बातें होती हैं. लेकिन जब इन्हें पढ़ने के लिए स्कूल भेजा जाता है तो लोग मजाक बनाने से नहीं चूकते. इनके साथ ऐसे काम किये जाते हैं जिन्हें सुनकर सिर शर्म से झुक जाता है.

महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल

अरूणाचल प्रदेश में एक ऐसा वाकया हुआ है जिसे जानकर हर हिन्दुस्तानी शर्मिंदा हो जाएगा. यहां एक स्कूल में शिक्षकों ने एक नहीं, दो नहीं बल्कि 88 छात्राओं को सबके सामने कपड़े उतारने पर मजबूर किया. इन लड़कियों पर प्रिंसिपल के खिलाफ अश्लील शब्द लिखने का आरोप है.

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अरूणाचल के पापुम पारे जिले में तनी हप्पा (न्यू सागली) स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छठी और सातवीं कक्षा की 88 छात्राओं को 23 नवंबर को इस सजा का सामना करना पड़ा. ये मामला 27 नवंबर को सामने आया.

पीड़िताओं ने ऑल सागली स्टूडेंट्स यूनियन से संपर्क किया और पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराई. शिक्षकों का आरोप है कि इन छात्राओं के पास से एक नोट लिखा कागज मिला जिस पर प्रधानाध्यापक और एक छात्रा के खिलाफ अश्लील शब्द लिखे थे.

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जिले के पुलिस अधीक्षक तुम्मे अमो के अनुसार मामला महिला पुलिस थाना को सौंप दिया गया है. जल्द ही पीड़िताओं और उनके माता पिता के साथ साथ शिक्षकों से पूछताछ की जाएगी.

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