गुजरात के रण में उतरे मोदी, कहा- लिख कर ले लो मिलेंगी 151 सीटें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से गुजरात में भुज रैली की शुरुआत कर दी है। पीएम मोदी ने सुबह आशापुरा मंदिर में माथा टेका और कई लोगों से मुलाकात की। इसी के साथ पीएम ने यहां सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शरुआत गुजराती भाषा में की।
मोदी ने कहा, ‘एक तरफ विकास है तो एक तरफ वंशवाद। उन्होंने भाजपा के चुनावी चिन्ह कमल का उल्लेख करते हुए कहा, क से कच्छ होता है और क से कमल होता है।‘ उन्होंने कहा, मैं गुजरात की जनता का आशीर्वाद लेने आया हूं और यहां किसानों की मेहनत को सलाम करता हूं।
PM ने कहा कि गुजरात में 182 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार की शुरुआत आशापुरा माता के दर्शन ले कर की। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मेरे ऊपर इतना कीचड़ उछाला, मुझे इससे दिक्कत नहीं है जितना कीचड़ उछालोगे उतना ही कमल खिल गया, किसानों की मेहनत को सलाम करता हूं। मैं गुजरात की रग-रग को जानता हूं।
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पीएम ने कहा कि कच्छ का रणोत्सव आज दुनिया में मशहूर है। उन्होंने कहा कि विकास हमारा मंत्र है, विकास का मजाक उड़ाने वालों को जनता माफ नहीं करेगी। इस बार लिखकर ले लो कि 151 सीटें हमें ही मिलेंगी।
आगे उन्होंने बताया कि कच्छ में एक तरफ रेगिस्तान है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान, किसी ने सोचा नहीं था कि यहां पर खेती भी हो सकती है।
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मोदी ने कहा कि जब डोकलाम में भारतीय सैनिक चीन की सेना से आंख में आंख मिलाकर बात कर रहे थे, तब कांग्रेस के नेता चीन के राजदूत से गले मिल रहे थे। 26/11 में भी हमला हुआ था, और उरी में भी आतंकी हमला हुआ था। हमने उरी का बदला घर में घुस कर आतंकियों को मारा था। सरकार में फर्क होता है, नेता में फर्क होता
भूकंप के बाद कच्छ में बने अस्पताल, स्कूल
जब 2001 में कच्छ में भूकंप आया, अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे यहां काम करने को भेजा था जिसने मुझे काफी कुछ सिखाया। जब बड़ा भूकंप आता है लोग कहते हैं देखो यह बिल्डिंग गिर गयी है लेकिन कच्छ की जनता कहती है यह स्कूल, यह अस्पताल भूकंप के बाद बने। यह सब कच्छ के आर्मी की हिम्मत से बना जिसमें यहां के लोग थे। कच्छ एक ऐसी जगह है जहां एक तरफ रेगिस्तान है और दूसरी तरफ पाकिस्तान है। किसी ने सोचा नहीं था कि यहां खेती भी हो सकती है पर यहां दरिया तक ले आए। आफिसर कच्छ में पोस्टिंग नहीं चाहते थे क्योंकि यहां का पानी काला था। कांग्रेस ने यहां नर्मदा का पानी लाने की अनुमति नहीं दी थी क्या होता अगर 30 साल पहले यहां नर्मदा आ जाती।