दोबारा गद्दी संभालते ही जिनपिंग ने फिर दिखाए तेवर, मिल कर चलने में ही भारत की भलाई

राष्ट्रपति शी जिनपिंगबीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दूसरा कार्यकाल मिलते ही फिर से भारत को आंखें दिखाना शुरू कर दिया है। अपने पिछले कार्यकाल में डोकलाम जैसे गंभीर मुद्दे पर मुंह की खाने के बाद चीन ने एक बार फिर अपने तेवर सख्त कर लिए हैं। खबरों के मुताबिक दूसरा कार्यकाल मिलते ही चीनी राष्ट्रपति का कहना है कि चीन का मुख्य लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है।

चीन ने कहा कि भारत को भी इसके लिए पाकिस्तान की राह अपनानी चाहिए और उसी की तरह ‘बेल्ट एंड रोड’ नीति पर चीन का समर्थन करना चाहिए, नहीं तो इसका परिणाम भारत के लिए अच्छा नहीं होगा और वह दक्षिण एशिया में अलग-थलग पड़ जाएगा।

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वहीं चीन की सत्ता पर जिनपिंग की दोबारा ताजपोशी होने के मौके पर चीनी मीडिया ने भी भारत को आइना दिखाने की कोशिश की है। उसके मुताबिक चीन का लगातार ताकतवर बनकर उभरना भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। और तो और उसने भारत को चीन की अगुवाई में उसके विकास का हिस्सा बनने की बात कही है।

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चीनी मीडिया ने यह भी कहा है कि चीन भारत में बहुत बड़े स्तर पर पूंजी निवेश करता है। ऐसे में उसका स्थान भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हांलाकि कहीं कहीं चीनी मीडिया ने नरमी भी बरती है उसका कहना है कि भारत भी चीन का कई मामलों में सहयोग करता आया है।

चीनी अर्थशास्त्री चाइ-ओ-छिन का भी कहना है कि आने वाले समय में भारत को एक करोड़ से भी अधिक नौकरियों की तलाश होगी जो कि उसे केवल चीन ही उपलब्ध करा सकता है। और तो और भारत को अपने विकास के लिए जो निवेश चाहिए होगा उसे भी वह केवल चीन के द्वारा ही पूरा कर सकता है। चाइ के मुताबक एक ओर जहां तमाम यूरोपीय देश पतन की तरफ बढ़ रहे हैं ऐसे में चीन ही भारत के लिए एकमात्र मजबूत विकल्प बचता है। जिसके द्वारा वह अपना विकास कर सकता है।

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