राष्ट्रपति ने प्रदान किए राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा, “हाल के वर्षो में भू-वैज्ञानिक समुदाय से हमारी सामाजिक अपेक्षाएं बढ़ी हैं। भू-गर्भीय गति विज्ञान की गहरी समझ होने के कारण कृषि उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने, स्मार्ट सिटी पहल में आधार प्रदान करने तथा जल की कमी की चुनौती से निपटने में हमारे नागरिकों की मदद करने में भू-वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। भू-वैज्ञानिक अपने ज्ञान और तकनीकी कौशल से हमारे देश और लोगों की सेवा करते रहेंगे।”

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रामनाथ कोविंद

राष्ट्रपति ने कहा, “भारत विश्व में तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आगामी दशकों में हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और वृहद विकास की प्रक्रियाएं बढ़ेंगी। अर्थव्यवस्था में इस वृद्धि के परिणामस्वरूप खनन और खनिज क्षेत्र का विकास होगा। जैसे-जैसे हम अधिक शहरों और आवासों तथा व्यवसायिक केंद्रों का निर्माण एवं आधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करेंगे वैसे-वैसे महत्वपूर्ण संसाधनों का उपयोग बढ़ेगा।”

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राष्ट्रपति ने कहा, “सरकार ने पिछले चार वर्षों में खनन क्षेत्र में सुधारों को बढ़ावा दिया है। मौजूदा कानूनों में संशोधन और रायल्टी के लिए अधिक न्यायसंगत प्रणाली विकसित करने सहित इन सुधारों के परिणाम नजर आने लगे हैं। कई खनिज ब्लाकों को खोजा जा रहा है। खान मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों से नीलामी के लिए राज्यों में संभावित खनिज ब्लाकों को चिन्हित किया गया है। इन उपायों से हमारे राज्यों की वित्तीय स्थिति सु²ढ़ होगी और वे खनन संसाधनों के लाभ का व्यापक विस्तार कर पाएंगे।”

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