
आज के दिन का संबंध गणपति जी से है. इनकी पूजा-अर्चना और मंदिरों में जाकर उनके दर्शन किए जाएं और भगवान को कुछ खास वस्तुएं अर्पित की जाए तो इसका फल निश्चित ही मिलता है. इस बार संकष्टी चतुर्थी शुक्रवार यानी 28 सितंबर 2018 को मनाई जा रही है. यह दिन बेहद शुभ है. कुछ लोगों को पता हो सकता है. वहीं कुछ लोग शायद इस बात से अंजान हों लेकिन हर महीने दो चतुर्थी व्रत आते हैं.
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. साल का अंतिम महीना चल रहा है इस वजह से 28 सितंबर 2018 को पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी इस साल की अंतिम संकष्टी चतुर्थी होगी.
यह भी पढ़ें- आज का राशिफल, 28 सितम्बर 2018, दिन- शुक्रवार
संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि
पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें. सबसे पहले पूजा का संकल्प लें और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें. इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें. इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है.
त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें. इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें.
पूजन उपरांत चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें. पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें.
भौतिक सुखों की प्राप्ति हेतु गणेश जी पर बेल फल चढ़ाएं.पारिवारिक विपदा से मुक्ति हेतु गणेश जी पर चढ़े गोलोचन से घर के मेन गेट पर तिलक करें.
रुके मांगलिक कार्य संपन्न करने हेतु शक्कर मिली दही में छाया देखकर गणपति पर चढ़ाएं.
इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को लाल वस्त्र धारण करने चाहिए. ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख शांति आती है.