पुलिस भर्ती : महिलाओं की इज्जत से खेल गए अधिकारी, सबके सामने किया बेपर्दा!

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में एक बार फिर पुलिस भर्ती के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई। मामला भिंड में आरक्षक पदों पर भर्ती का है। मामले में चिकित्सा विभाग ने इतनी बड़ी चूक को कैसे होने दिया और इतने गंभीर मामले को क्यों नजरअंदाज किया गया। इस बात का जवाब तो अभी तक सामने नहीं आया। लेकिन जो कुछ भी चर्चा में आ रहा है वो बेहद ही हैरान करने वाला है।

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भिंड में आरक्षक

बता दें भिंड में आरक्षकों की भर्ती के लिए आये उम्मीदवारों के मेडिकल चेकअप में एक ही डॉक्टर(पुरुष) ने महिला और पुरुष उम्मीदवारों का मेडिकल टेस्ट किया।

वहीं दूसरा बड़ा कारनामा यह रहा कि एक ही रूम में पुरुष और महिला दोनों का मेडिकल चेकअप किया गया।

ख़ास यह है कि, इस मेडिकल चेकअप के दौरान महिला उम्मीदवारों के सामने पुरुष उम्मीदवार अर्ध नग्न अवस्था में थे और कोई भी महिला अधिकारी यहां मौजूद न थी।

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इससे पहले हाल ही में प्रदेश के धार में भी आरक्षक भर्ती के दौरान उम्मीदवारों के सीने पर एससी-एसटी लिखने का मामला सामने आया था।

आरोपों पर जिला अस्पताल के अफसर जवाब देने से बच रहे हैं। वहीं, सिविल सर्जन अजीत मिश्रा ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

खबरों के मुताबिक़ भिंड कलेक्टर ईल्लैया राजा टी ने मेडिकल बोर्ड के बाबू दिनेश शर्मा को सस्पेंड कर दिया है। मेडिकल बोर्ड के डॉ. आरके अग्रवाल और डॉ. विनोद वाजपेयी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है।

बता दें भिंड पुलिसलाइन में 217 महिला-पुरुष नव आरक्षकों की भर्ती हुई। इनका अलग-अलग चरणों में जिला अस्पताल में मेडिकल टेस्ट किया जा रहा है।

बुधवार को सुबह 39 उम्मीदवारों का मेडिकल टेस्ट करवाया गया। इनमें से 18 युवतियां और 21 युवक थे। महिलाओं की जांच के दौरान भी वहां कोई महिला डॉक्टर या नर्स मौजूद नहीं थी।

इससे पहले धार जिले में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के दौरान लापरवाही सामने आई थी। उम्मीदवारों के मेडिकल टेस्ट के दौरान उनके सीने पर एससी-एसटी लिख दिया गया था।

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा था कि यह एससी-एसटी वर्ग का अपमान है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया था- भाजपा सरकार के इस जातिवादी रवैये ने देश की छाती पर छुरा मारा।

वहीं धार में उम्मीदवारों के सीने पर एससी-एसटी लिखने के मामले में एसपी ब्रिजेंद्र सिंह ने कहा, “उम्मीदवारों की चेस्ट पर उनकी कास्ट लिखना दुखद है। हमने इस मामले को गंभीरता से लिया है। मैंने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं, ताकि इस घटना के जिम्मेदार की पहचान की जा सके।”

अब ऐसे में कुछ ही दिन बाद इस तरह का मामला फिर सामने आना बड़े मुद्दे के बनने के आसार दिखाता है। या फिर लोगों ने अपने पुराने ढर्रे पर चलने की ठान ली है।

(साभार : दैनिक भाष्कर)

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