
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बेल्जियम के न्याय मंत्रालय और न्यायिक अधिकारियों को एक औपचारिक आश्वासन पत्र दिया है कि अगर भारतीय व्यापारी मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उसकी हिरासत की शर्तों पर क्या कार्रवाई की जाएगी।

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बेल्जियम के न्याय मंत्रालय और न्यायिक अधिकारियों को एक औपचारिक आश्वासन पत्र दिया है कि अगर भारतीय व्यापारी मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उसकी हिरासत की शर्तों पर क्या कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि चोकसी को भारतीय अधिकारियों के औपचारिक अनुरोध पर अप्रैल में बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। गृह मंत्रालय द्वारा जारी तथा महाराष्ट्र सरकार और जेल प्राधिकारियों के परामर्श से अनुमोदित इस आश्वासन में प्रत्यर्पण कार्यवाही के दौरान उठाई गई मानवाधिकार संबंधी चिंताओं के समाधान के लिए भौतिक, चिकित्सीय और प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों की रूपरेखा दी गई है।
ये आश्वासन केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) के एक मामले में मेहुल चोकसी के आत्मसमर्पण के भारत के अनुरोध के संबंध में दिए गए थे। चोकसी भारतीय कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोपी है, जिनमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 409, 420, 477ए और 201 के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीओसीए), 1988 की संबंधित धाराएँ शामिल हैं। विशिष्ट सुविधा, अधिभोग सीमा, चिकित्सा प्रावधानों और निरीक्षण तंत्र का विवरण देकर, भारत सरकार बेल्जियम के न्यायिक अधिकारियों को ठोस और परिचालन गारंटी प्रदान करना चाहती है कि चोकसी की हिरासत स्वीकृत न्यूनतम मानकों के अनुरूप होगी।
गृह मंत्रालय ने कहा कि उसे चौबीसों घंटे चिकित्सा सुविधा मिलेगी जिसमें छह चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग अर्दली, फार्मासिस्ट और प्रयोगशाला सहायक तैनात होंगे। गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया है, “आईसीयू क्षमता वाला 20 बिस्तरों वाला जेल अस्पताल उपलब्ध है, और लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित सर जेजे ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स में आपातकालीन रेफरल किया जा सकता है। बंदी अपने खर्च पर निजी चिकित्सा सुविधा भी ले सकते हैं। चोकसी की पहले से मौजूद चिकित्सा रिपोर्टों पर विचार किया जाएगा, और चिकित्सा सलाह के आधार पर आवश्यक उपकरण और उपचार निःशुल्क प्रदान किए जाएँगे।