PM मोदी के नेपाल दौरे से दोनों देशों को मिली दिशा, व्यापारिक रिश्ते बढ़ाने पर सहमति

काठमांडू। भारत और नेपाल ने शनिवार को आपस में व्यापार, आर्थिक संबंध और वायु, जल व स्थल मार्ग से संपर्क के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों में मेलजोल और परस्पर विश्वास को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।

भारत और नेपाल

भारत के प्रधानमंत्री मोदी और उनके नेपाली समकक्ष के.पी. शर्मा ओली के बीच यहां हुई विस्तृत द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में दोनों नेताओं ने ओली के भारत दौरे से दोनों देशों के बीच संबंधों को मिली दिशा को बनाए रखने पर अपनी सहमति जताई। ओली फरवरी में नेपाल की सत्ता में आने के बाद अपने पहले विदेशी दौरे पर अप्रैल में भारत आए थे।

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संयुक्त बयान में कहा गया- “प्रधानमंत्री ओली के हालिया भारत दौरे के दौरान दोनों पक्षों द्वारा कृषि, रेलवे संपर्क, आंतरिक जलमार्ग विकास के क्षेत्र में स्वीकृत द्विपक्षीय योजनाओं को प्रभावी ढंग से अमल में लाने पर वे सहमत थे।”

विभिन्न स्तरों पर दोनों देशों के बीच नजदीकी व बहुपक्षीय संबंधों की समीक्षा करते हुए दोनों प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न क्षेत्रों में जारी सहयोग को मजबूती प्रदान कर और समानता के सिद्धांतों, आपसी विश्वास, सम्मान व आपसी हितों के आधार पर सामाजिक आर्थिक विकास के लिए साझेदारी बढ़ाकर द्विपक्षीय संबंधों को नई बुलंदियों पर ले जाने के लिए साथ-साथ काम करने के अपने संकल्प दोहराए।

बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने ओर आर्थिक व विकासपरक सहयोग परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन के लिए विदेश मंत्रालय स्तर पर नेपाल-भारत संयुक्त आयोग समेत नियमित द्विपक्षीय व्यवस्थाओं का आयोजन करने की जरूरत पर बल दिया।

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दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत और नेपाल के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों के महत्व को रेखांकित किया।

ओली ने भारत के साथ नेपाल के बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जाहिर की और कहा कि इस घाटे का समाधान करने के उपायों की जरूरत है।

इस संदर्भ में दोनों प्रधानमंत्रियों ने अनधिकृत व्यापार पर नियंत्रण के लिए व्यापार, पारगमन और सहयोग के मसले पर हाल ही में अंतर-सरकारी समिति की बैठक के नतीजों का स्वागत किया, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार संधि की व्यापक समीक्षा के लिए संयुक्त पहल की जरूरत बताई गई है। साथ ही, द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने और नेपाल के पारगमन व्यापार को सुगम बनाने के लिए भारतीय बाजार में नेपाल की पहुंच को आगे सुगम बनाने के लिए पारगमन संधि और संबंधित समझौतों में संशोधन पर विचार किया गया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने संबंधित तकनीकी टीम द्वारा नेपाल के अतिरिक्त हवाई प्रवेश मार्ग पर पूर्व की तकनीकी वार्ता समेत नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए संबंद्ध अधिकारियों को निर्देश दिया।

दोनों नेताओं ने नदी प्रशिक्षण कार्य, जलप्लावन व बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई जैसे क्षेत्र में परस्पर फायदे के लिए जल संसाधन में सहयोग बढ़ाने और चालू द्विपक्षीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को तेज करने के महत्व को दोहराया।

उन्होंने संयुक्त दल का गठन करने पर संतोष जाहिर किया। यह दल जलप्लावन और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और स्थाई समाधान के लिए समुचित उपायों पर विचार करेंगे।

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संयुक्त बयान में इस बात की अहमियत को समझा कि ओली के नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर पहले कार्यकाल अक्टूबर 2015 से अगस्त 2016 के दौरान भारत और नेपाल के संबंधों में भावशून्यता बनी हुई थी जब नई दिल्ली के ऊपर सीमाबंदी के कारण नेपाल की अर्थव्यवस्था चरमराने के लिए नई दिल्ली को कसूरवार ठहराया गया था।

यह भी माना जा रहा था कि ओली का झुकाव भारत के बजाय चीन की तरफ ज्यादा है।

मोदी का दो दिवसीय नेपाल दौरा शुक्रवार को शुरू हुआ, जिस दौरान उन्होंने नेपाल के मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ जनकपुर-अयोध्या बस सेवा की शुरुआत की और 900 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। मोदी ने जनकपुर नगर के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की।

मोदी ने ओली के अलावा नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बेहततर बनाने को लेकर बातचीत की। इसके बाद उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ सभी गलतफहमियां दूर हो गई हैं।

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