बजट के भंवर में फंसे पीएम मोदी, बिन मांगे पूरी हो गई विरोधियों की मुराद!

नई दिल्ली: वित्त मंत्री के आम बजट से संसद में मोदी सरकार का गणित बिगड़ने वाला है. आम बजट से निराश तेलगू देशम पार्टी ने रविवार को अपने सांसदों की बैठक बुलाई है. कहा जा रहा है कि इस बैठक के बाद तेलगु देशम पार्टी एनडीए से अलग होने का ऐलान कर सकती है.

संसद में मोदी सरकार

मीडिया में चल रही ख़बरों के मुताबिक सूत्रों ने टीडीपी प्रमुख एन. चंदबाबू नायडू अन्य राजनीतिक विकल्पों पर गम्भीरता से विचार कर रहे हैं.

संसद में मोदी सरकार की मुश्किल बढ़ी

पार्टी जनता से भी इस बारे में राय ले रही है कि उसे 2019 तक बीजेपी के साथ रहना चाहिए या फिर अलग होकर चुनाव लड़ना चाहिए. टीडीपी ने केंद्रीय बजट को जनविरोधी और कारोबारियों के लिए हितकारी बताया है. टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष सहायता देने पर केंद्र के ढीले रुख से भी नाराज है.

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जानकारों की मानें तो अब प्रधानमंत्री ही इस मुश्किल का हल निकाल सकते हैं. प्रधानमंत्री को ही इस मसले पर आगे आ कर कोई बड़ा फैसला लेना होगा. तभी डैमेज कंट्रोल हो सकता है.

हालांकि, नायडू ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. बजट पेश होने के बाद ही नायडू ने अपने सांसदों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. इसमें TDP सांसदों ने नायडू से बजट को लेकर शिकायत की. जिसको आधार बना कर ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं.

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सांसदों का कहना था कि इस बजट में कुछ नहीं है, ना ही रेल बजट में भी विशाखापट्टनम को लेकर कुछ कहा गया है. सांसद राजधानी अमरावती के लिए कोई मदद नहीं मिलने से भी खासे नाराज थे. जिसके बाद मीडिया में चल रही ख़बरों के मुताबिक टीडीपी जल्द ही कोई बड़ा ऐलान कर सकती है.

बजट के बाद पार्टी सांसद टीजी वेंकटेश ने साफ़ कहा था कि अब हम आर-पार की लड़ाई के मूड में है. हमारे पास सिर्फ तीन ही विकल्प हैं. पहला कि हम ऐसे ही कोशिश करते रहे, दूसरा हमारे सांसद इस्तीफा दे दें या तीसरा अपना गठबंधन ही तोड़ दें.

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