पीएम मोदी ने जेलेंस्की से फोन पर की बात, यूक्रेन को बोले धन्यवाद

दिलीप कुमार

रूस और यूक्रेन के बीच 13 दिनों से निरंतर युद्ध जारी है। इस युद्ध के विभिषिका के बीच फंसे भारतीय छात्र को विदेश मंत्रायलय के द्वारा निकालने की प्रक्रिया जारी है।

विदेश मंत्रालय के द्वारा दावा किया गया है कि यूक्रेन की राजधानी कीव और खार्किव शहर से सभी छात्र निकाल लिए गएं हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रन के सुमी शहर में अभी भारतीय छात्रों को फंसे हैं, जिसे लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय समय के अनुसार सुबह 11: 30 बजे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर करीब 35 मिनट बात की है। दोनों देशों के बातचीत के दौरान पीएम मोदी सुमी ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों को बाहर निकालने में मदद के लिए कही है। पीएम मोदी ने यूक्रेन के द्वारा मदद मुहैया कराए जाने को लेकर धन्यवाद दी है।

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे भीषण संहर्ष के बीच भारत अपने नागरिकों को निकालने में लगभग कामयाबी की ओर बढ़ रहा है। रविवार को भारत सूमी शहर में फंसे 700 भारतीयों को निकालने में जुटा रहा। सूमी शहर में नीरंतर रूस की ओर से गोलाबारी करने के वजह से सफलता नहीं मिल सकी।

यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए एक टीम पोल्तोवा शहर में डेरा डाल चुका है, ताकि पोल्तोवा के रास्ते यूक्रेन के पश्चिमी सीमा में पहुंचा जा सके। दूतावास ने छात्रों को सलाह दी है कि जैसे ही हमारी ओर से निकलने के लिए सूचना दी जाए, वैसे ही छात्र अपने-अपने स्थान को छोड़कर चयनित स्थान पर पहुंचे।

बता दें कि रूसी सेना ने भारतीय छात्रों को निकलने के लिए दो रूट खोले जाने का ऐलान किया है। ये दोनों रूट सुमी में भारतीय छात्रों के लिहाज से बेहद सुरक्षित है।

उधर रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस जंग पर चीन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि चीन और रसिया की दोस्ती एकदम रॉक सॉलिड है। चीनी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि वह यूक्रेन और रूस के युद्ध को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएगा।

गौरतलब है कि इस दौरान सभी देश इस युद्ध से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हैं। इस प्रभाव का मूल कारण पश्चिमी देशों के द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंध हैं। इन प्रतिबंधो को भारत पर कितना असर पड़ रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना के प्रमुखों से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान उन्होंने पश्चिमी देशों के द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से भारत पर पड़ने वाले असरों की समीक्षा की। बता दें कि भारत के सभी आयात किए जानें वाले हथियारों का 50 प्रतिशत हिस्सा रूस से ही आता है।

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