पीएम मोदी ने थॉमस कप चैंपियंस का हौसला किया अफज़ाई, खिलाड़ियों ने अनुभव किए साझा

(अराधना)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास ‘7 लोक कल्याण मार्ग’ पर थॉमस कप और उबर कप के बैडमिंटन चैंपियंस से मुलाकात की। इस दौरान खिलाड़ियों ने पीएम के साथ अपने अनुभव साझा किए। थॉमस कप जीतने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों से पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं देश की ओर से पूरी टीम को बधाई देता हूं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है.’ पीएम कहा कि किसी भी टूर्नामेंट में कोई भी निर्णायक मैच सांस खींच लेने वाला होता है।

इसपर खिलाड़ियों ने कहा कि मैच चाहे पहला हो या अंतिम हमने हमेशा देश की जीत दिखी। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने किदांबी श्रीकांत, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी, लक्ष्य सेन और एचएस प्रणॉय से बात की, उनका हौसला अफजाई किया और उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

भारत को थॉमस कप जिताने में सबसे ज्यादा योगदान किदांबी श्रीकांत, चिराग-सात्विक की जोड़ी और लक्ष्य सेन का था। इसके अलावा एचएस प्रणय ने भी मुश्किल समय में चोटिल होने के बावजूद जीत हासिल की थी और देश को चैंपियन बनाया था। उबर कप में भारतीय टीम मेजबान थाइलैंड से क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गई थी।

भारतीय बैडमिंटन टीम के चीफ कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि पीएम खिलाड़ियों और खेल का अनुसरण करते हैं, और उनके विचार खिलाड़ियों से जुड़ते हैं। किदांबी श्रीकांत ने कहा कि एथलीटों को यह कहते हुए हमेशा गर्व होगा कि हमें अपने प्रधानमंत्री का समर्थन प्राप्त है। यह अतुलनीय है। जिस तरह से उन्होंने मैच के ठीक बाद हमसे बात की उससे मैं बेहद खुश हूं। यह सभी खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा।”

प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान 14 साल की खिलाड़ी उन्नति हुड्डा ने कहा “जो मुझे सबसे ज्यादा प्रेरणा देता है वो यह है कि आप कभी भी मेडल जीतने वाले और हारने वाले खिलाड़ियों के साथ भेदभाव नहीं करते। मैंने इस टूर्नामेंट में बहुत कुछ सीखा। अगली बार महिला टीम को भी जीतना होगा।”

खिलाड़ियों ने साझा किए अपने अनुभव

प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान खिलाड़ियों ने उनके साथ अपने अनुभव साझा किए। लक्ष्य ने बताया कि टूर्नामेंट के दौरान उनको फूड पॉइजनिंग हो गई थी। इस वजह से वह 3 मैच नहीं खेल पाए थे। थॉमस कप जीतने वाली भारतीय टीम के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि आपने कमाल कर दिया। आपकी जीत बहुत सारे खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। इसके बाद खिलाड़ी बेहद खुश नजर आए थे। 

भारत ने पहली बार जीता थॉमस कप

आपको बता दें कि भारत ने कुछ दिन पहले ही थॉमस कप के फाइनल मुकाबले में 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर पहली बार यह खिताब अपने नाम किया था। इस जीत ने न केवल बैडमिंटन की बादशाहत कायम की, बल्कि यह भी जताया कि अब इस खेल पर से डेनमार्क, मलेशिया, इंडोनेशिया और चीन की बादशाहत खत्म हो चुकी है। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में तभी इतिहास रच दिया था, जब टीम ने क्वार्टरफाइनल में मलेशिया को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। 43 साल में पहली बार भारत इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचा था। इससे पहले टीम 1952, 1955 और 1979 में सेमीफाइनल में पहुंची थी।

श्रीकांत और लक्ष्य सेन रहे जीत के हीरो

भारत को थॉमस कप जिताने में कप्तान किदांबी श्रीकांत, चिराग-सात्विक की जोड़ी और युवा शटलर लक्ष्य सेन का रहा।  इसके अलावा एचएस प्रणॉय ने भी मुश्किल समय में चोटिल होने के बावजूद जीत हासिल की और देश को चैंपियन बनाया था। इसके अलावा सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष डबल्स जोड़ी ने भी प्रभावी प्रदर्शन किया और जब भी टीम इंडिया मुश्किल में पड़ी इन दोनों ने जीत दिलाई और टीम इंडिया का हौसला बढ़ाया।

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