‘राष्ट्रीय युवा संसद’ महोत्सव संबोधित करते हुए बोले पीएम मोदी- स्वामी विवेकानंद ने दिए कई अनमोल उपहार, बहुत कम हो पाती है इनकी चर्चा

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी मंगलवार को दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रहे हैं। यह पूरा कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित किया गया है। यदि बात करें प्रधानमंत्री कार्यालय की तो उसके अनुसार इस कार्यक्रम के दौरान महोत्सव के तीन राष्ट्रीय विजेता भी अपने विचार रखेंगे।

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि-

  • समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है। अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं।
  • स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।
  • लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं। Individual से Institutions और Institutions से Individual का ये चक्र भारत की बहुत बड़ी ताकत है।
  • ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे।
  • पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है। क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती।
  • लेकिन आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है। Honesty और Performance आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। भ्रष्टाचार जिनकी legacy थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं।
  • कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं। लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।
  • अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है। ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है।
  • राजनीतिक वंशवाद, Nation First के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मज़बूत करता है। ये भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है

आपको बता दें कि इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री किरन रिजिजु भी उपस्थित हैं। इस आयोजन को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया गया जिसके मुताबिक राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव का उद्देश्य 18 से 25 वर्ष के बीच के युवाओं के विचारों को सुनना है जो मतदान करने का अधिकार रखते हैं और आने वाले वर्षों में सार्वजनिक सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं में शामिल हैं।

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