भारतीय उद्योग में बढ़ती ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ की पैठ, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली। भारतीय उद्योग में ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी)’ के बढ़ते चलन से आने वाले दिनों में इसकी पैठ उपभोक्ताओं के मुकाबले उद्योग में अधिक हो जाएगी। इस संबंध में  जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ऊर्जा, युटिलिटी, विनिर्माण, परिवहन व लॉजिस्टिक्स और कृषि क्षेत्र में ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ के इस्तेमाल होने से 2020 तक उद्योग में इसकी पैठ उपभोक्ताओं के मुकाबले ज्यादा देखने को मिलेगी।

भारतीय उद्योग में बढ़ती 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' की पैठ,

‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ एक ऐसी व्यव्यस्था है जिसमें भौतिक उपयोग की वस्तुएं या डिवाइस इंटरनेट से जुड़ी होती हैं और बगैर किसी तार के इसका उपयोग किया जाता है।

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और डेलॉयट की ओर से संयुक्त रूप से जारी रिपोर्ट के अनुसार, आईओटी के क्षेत्र में 12 अरब डॉलर से अधिक के कारोबार का अवसर है और औद्योगिक आईओटी का हिस्सा उपभोक्ता आईओटी के मुकाबले अधिक होन की संभावना है।

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यह रिपोर्ट बुधवार को यहां ‘आईओटी फॉर स्मार्ट इंडिया’ समिट के अवसर पर जारी की गई।

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 तक ऊर्जा और युटिलिटी के क्षेत्र में इसका योगदान बाजार हिस्सेदारी का तकरीबन 25 फीसदी हो सकता है। वहीं, औद्योगिक विनिर्माण में इसका योगदान 18 फीसदी होने की उम्मी है।

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आईएएमएआई आईओटी कमेटी की सह-अध्यक्ष और भारती एयरटेल की ग्लोबल सीआईओ हरमीन मेहता ने कहा, “भारत आईओटी की शक्ति का लाभ उठाने को तैयार है क्योंकि इसमें देश में विकास के व्यापक अवसर पैदा करने की ताकत है।”

उन्होंने कहा, “हम हितधारकों के साथ मिलकर बेहतर इकोसिस्टम बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं, जिससे आईओटी के रहस्य से पर्दा हटेगा और आईओटी का संपर्क बढ़ाने व डिवाइस प्रोटोकॉल, सुरक्षा और व्यापक स्तर पर उत्पादन और लागत प्रभावकारिता की कवायद के लिए नीति बनाने का कार्य होगा।”

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