पीपल के पेड़ पर इस समय नहीं जलाना चाहिए दीपक, घर आती है दरिद्रता

पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में पवित्र और शुद्ध माना गया है। पीपल का अर्थ है अश्वत्थ। यह हिंदूओं का सबसे पूज्य वृक्ष है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ के हर पत्ते पर देवता का वास है। इस पेड़ पर भगवान विष्णु का भी वास माना जाता है। इस पेड़ के पत्ते में धार्मिक महत्व के साथ-साथ स्वास्थ्य के महत्व भी निहित है। पीपल के पेड़ की पूजा के कुछ नियम भी है। जो इन नियमों के आधार पर पूजा करता है वो अपनी जिंदगी में हमेशा खुश होता है। जो इन नियमों का ध्यान नहीं देता है वो कंगाल हो जाता है। आइये जानते हैं पीपल की पूजा से जुड़े ऐसे ही कुछ धार्मिक वैज्ञानिक कारण और नियमों को…

पीपल का पेड़

धार्मिक कारण

श्रीमद्भगवदगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि च्अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम, मूलतो ब्रहमरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे, अग्रत: शिवरूपाय अश्वत्थाय नमो नम:ज् यानी मैं वृक्षों में पीपल हूं। पीपल के मूल में ब्रह्मा जी, मध्य में विष्णु जी व अग्र भाग में भगवान शिव जी साक्षात रूप से विराजित हैं। स्कंदपुराण के अनुसार पीपल के मूल में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान श्री हरि और फलों में सभी देवताओं का वास है। भारतीय जन जीवन में वनस्पतियों और वृक्षों में भी देवत्व की अवधारणा की गई है और यही कारण है कि धार्मिक दृष्टि से पीपल को देवता मान कर पूजन किया जाता है।

वैज्ञानिक कारण

हमारे जीवित रहने के लिए आक्सीजन बहुत ही जरूरी होती है। अधिकतर पेड़ दिन में आक्सीजन छोड़ते हैं और कार्बनडाइआक्साईड लेते हैं। लेकिन रात में पेड़ में कार्बनडाइआक्साईड छोड़ते हैं और आक्सीजन लेते हैं। पीपल का पेड़ एकमात्र ऐसा पेड़ है जो हमेशा आक्सीजन छोड़ता है। इसलिए वैज्ञानिक हिसाब से यह पेड़ हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है।

पूजन का फल

पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने व पूजन और परिक्रमा करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। वहीं शत्रुओं का नाश भी होता है। यह सुख संपत्ति, धन-धान्य, ऐश्वर्य, संतान सुख व सौभाग्य प्रदान करने वाला है।

इनकी पूजा करने से ग्रह शांत रहते हैं, पीड़ा कम होती है। पितरदोष, काल सर्प योग और अन्य ग्रहों से पैदा होने वाले दोषों का निपटारा भी किया जाता है। शनिवार के दिन रात को पीपल की पूजा करने से धन की समस्या दूर हो जाती है। पीपल की पूजा करते समय हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए सभी परेशानियां दूर हो जाती है।

रोज सुबह नियम से पीपल के पेड़ की पूजा करने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। पीपल के पेड़ के नीचे हर शनिवार को सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए। ऐसा करने से पीपल के पेड़ पर विरजमान देवता सदैव खुश रहते हैं। दिया जलाने से कारोबार में उचित लाभ होता है साथ ही आपके जीवन में खुशहाली आती है।

क्या न करें

शास्त्रों के अनुसार शनिवार को पीपल पर जल चढ़ाना चाहिए और रविवार को पीपल के पेड़ पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से सबकुछ उलता होता है। रविवार के दिन पेड़ पर जल चढाने से पैसों की तंगी बनी रहती है।

पीपल के पेड़ को कभी कटाना नहीं चाहिए। ऐसा करने से पितरों को कष्ट होता है। कभी भी घर में कोई शुभ काम होता है तो पीपल की लकड़ी काटने पर दोष नहीं लगता है साथ ही किसी भी तरह की पूजा के लिए पीपल की लकड़ी शुभ होती है।

 

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