पटना विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास है : राज्यपाल मलिक

पटना विश्वविद्यालयपटना। बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यहां शुक्रवार को कहा कि बिहार का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत अत्यंत गौरवशाली है। भारत के स्वर्णिम इतिहास में बिहार का बहुत बड़ा योगदान रहा है। ऐसे में बिहार के गौरवशाली इतिहास में पटना विश्वविद्यालय का 100 साल का इतिहास भी गौरवशाली रहा है। कभी इस विश्वविद्यालय को ‘पूरब का ऑक्सफोर्ड’ कहा जाता था। पटना विश्वविद्यालय के ह्वीलर सीनेट हाउस में आयोजित ‘शताब्दी प्रदर्शनी’ का उद्घाटन करने के बाद राज्यपाल ने समारोह में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “इस विश्वविद्यालय से निकलनेवाली अनगिनत प्रतिभाओं ने सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, प्रशासनिक सहित करीब सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।”

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मलिक ने कहा कि किसी देश की ताकत इस बात पर निर्भर करती है कि वहां की शिक्षा-व्यवस्था कितनी मजबूत है। उन्होंने कहा, “कोई भी मुल्क बड़ी-बड़ी इमारतों, कल-कारखानों, पुलों आदि के नष्ट होने से उतना तबाह नहीं होता, जितना वहां की शिक्षा-व्यवस्था के नष्ट होने से खतरा बढ़ जाता है।”

राज्यपाल ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे और सामूहिक प्रयासों से इसमें कामयाबी भी मिलेगी।

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राज्यपाल ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पटना विश्वविद्यालय सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को कुलाधिपति कार्यालय का हरसंभव सहयोग मिलता रहेगा और वे भी समय-समय पर विश्वविद्यालय आते रहेंगे।

राज्यपाल ने छात्र-संघ चुनाव को विश्वविद्यालयों के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे विश्वविद्यालयीय समस्याओं पर छात्रों से विमर्श के लिए एक समुचित ‘फोरम’ तैयार हो जाता है। उन्होंने कहा कि छात्र संघों से विद्यार्थियों का व्यक्त्वि भी विकसित होता है।

शताब्दी वर्ष के अवसर पर पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय परिसर में आयोजित प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विश्वविद्यालय के एक सौ साल के गौरवशाली इतिहास की झलक देखने को मिलती है।

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राज्यपाल ने आयोजित प्रदर्शनी के विभिन्न प्रदर्शो को घूम-घूम कर देखा। उन्होंेने पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के मौके पर भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी ‘स्पेशल पोस्टल कवर’ को भी लोकार्पित किया। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय के तीन शिक्षकों डॉ जयश्री मिश्रा, डॉ सुरेंद्र कुमार एवं डॉ़ जयदेव मिश्र द्वारा लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ पटना यूनिवर्सिटी’ का भी विमोचन किया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रास बिहारी प्रसाद सिंह ने अपने संबोधन में शताब्दी वर्ष में आयोजित होनेवाले आगामी कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।

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