पाक की नापाक साजिशों को बड़ा झटका, कहर बरपाने को तैयार भारत का छुपा ‘रुस्तम’

नई दिल्ली: पाकिस्तान इन दिनों मानसिक रोगों का शिकार होता जा रहा है. नाटकीय घटनाक्रम में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर रोक लगा दी साथ ही आतंकवादी गतिविधियों में उत्प्रेरक की भूमिका निभाने के लिए पूरी दुनिया के सामने उसे ‘ग्रे’ लिस्ट में डाल दिया गया. एक तरफ उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा रही है वहीं दूसरी तरफ जिसके इशारों पर उसने अमेरिका को आँख दिखाई उस ड्रैगन ने भी उसका साथ छोड़ने में ही अपनी भलाई समझी. पाकिस्तान इन दिनों मानसिक तौर पर बीमारी का शिकार हो चुका है.रुस्तम

पनामा केस के जरिए जहाँ एक ओर उसकी सियासत सड़क पर आ गयी है वहीं पूरी दुनिया के सामने आतंकवादी देश का तमगा मिलने के बाद उसे बेशुमार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है.

पाकिस्तान हमेशा से भारत को अपने सारे काले कारनामों की वजह बताता रहा है. भारत की तरक्की और पूरी दुनिया में उसकी धमक के एहसास से पाकिस्तान को छटपटाहट महसूस हो रही है. अब पाकिस्तान एक बार फिर भारत के सबसे बड़े ड्रोन रुस्तम-2 से घबरा गया है. पाकिस्तान ने भारत द्वारा अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी विकसित करने पर चिंता जताई है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘‘भारत द्वारा ड्रोन प्रौद्योगिकी का विकास करना चिंताजनक है, जब इसे परंपरागत और गैर परंपरागत क्षेत्रों में उसके द्वारा निर्माण एवं सैन्य क्षमताओं के विस्तार के संदर्भ में देखा जाता है.’’

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आपको बता दें कि रुस्तम-2 का परीक्षण हाल ही में किया गया था. रुस्तम-2 एक बार में लगातार 24 घंटे तक उड़ने की क्षमता रखता है. यह लगातार चौकसी कर सकता है और साथ में हथियार भी ले जा सकता है.  इस ड्रोन का वजन 1.8 टन है. इसकी स्पीड 225 KMPH है.  यह हथियार ले जाने के साथ ही दुश्मन से अकेला लोहा लेने में पूरी तरह से सक्षम है.

पाकिस्तान ने कहा कि ड्रोन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून एवं किसी जिम्मेदार देश के व्यवहार के अन्य स्थापित नियमों के अनुरूप होना चाहिए. उन्होंने इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए) द्वारा पाकिस्तान के अभिनेताओं एवं कलाकारों पर प्रतिबंध बरकरार रखने के निर्णय की भी आलोचना की और इसे ‘‘भारत में व्याप्त अतिवाद और पाकिस्तान विरोधी पूर्वाग्रह का एक और उदाहरण’’ बताया.

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पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता फैसल ने कहा कि कलाकारों को प्रतिबंधित करने के बाद कई अन्य फैसले आए जिसमें ‘‘पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को वीजा जारी नहीं करना, सिख धर्मावलंबियों एवं कटासराज जाने वाले श्रद्धालुओं को सम्मिलित होने की इजाजत नहीं देना तथा खेल मैचों को रद्द करना भारत में बढ़ती असहिष्णुता और व्याप्त पूर्वाग्रह को रेखांकित करते हैं.

सीज़फायर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के संघर्षविराम उल्लंघनों का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. यह खेदजनक है कि भारत ऐसे कृत्यों का सहारा लेता है जो पूरे क्षेत्र की शांति एवं स्थिरता के लिए हानिकारक हैं. फैसल ने कहा कि भारत की पाकिस्तान के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाने की प्रवृत्ति है.

एक सवाल पर कि क्या पाकिस्तान और भारत के विदेश सचिवों के अफगानिस्तान में ‘काबुल प्रोसेस’ से इतर मुलाकात करने की संभावना है, उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी किसी भी बैठक की परिकल्पना नहीं की गई है.’’

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