मुख्यमंत्री को पसंद नहीं आता एयर कंडीशन रूम, बैठक के लिए चुनते हैं चौपाल

रायपुर। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने रविवार को अपनी रेडियोवार्ता ‘रमन के गोठ’ में कहा कि हमारी योजनाएं मंत्रालय के एयर कंडीशन्ड कमरों में नहीं बल्कि गांव, गरीब और किसानों के बीच चौपालों में बैठकर बनती हैं।

मुख्यमंत्री को

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, “ग्राम सुराज से लोक सुराज अभियान तक और जनदर्शन से लेकर गांवों के भ्रमण तक मुझे आम जनता से जो जानकारी मिलती है, वही हमारी आगामी बजट का आधार बनती है। उन्होंने श्रोताओं को बताया कि प्रदेश सरकार ने इस वर्ष मुख्यमंत्री पेंशन योजना शुरू करने का भी निर्णय लिया है।”

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में लगातार वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2003-04 में राज्य का बजट सिर्फ नौ हजार 270 करोड़ रुपये था, जो आगामी वर्ष 2018-19 में बढ़कर 83 हजार 189 करोड़ रुपये हो गया है। हमारे 15वें साल का यह बजट हमारे ही प्रथम वर्ष की तुलना में नौ गुना बढ़ा है। बजट का यह आकार निरंतर विकास का सूचक है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ” किसानों के लिए राज्य सरकार ने नए बजट में 13 हजार 480 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले साल से 29 प्रतिशत ज्यादा है। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्गो के लिए नए बजट में बीस हजार 645 करोड़ रुपये रखे गए हैं।”

मुख्यमंत्री ने अपनी रेडियो वार्ता में कहा, “नए बजट में छह कृषि महाविद्यालय जशपुर, छुईखदान, कोरबा, कुरूद, गरियाबंद और महासमुंद में खोलने का भी प्रावधान किया गया है।”

मुख्यमंत्री ने लोक सुराज अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अभियान में जनता को सरकार के पास नहीं आना पड़ता, बल्कि सरकार स्वयं जनता तक पहुंचती है। मुख्यमंत्री ने रमन के गोठ की 31वें कार्यक्रम में श्रोताओं को 11 मार्च से शुरू हुए और 31 मार्च तक चलने वाले प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान के तीसरे चरण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रत्येक दस ग्राम पंचायतों के बीच एक समाधान शिविर लगाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत प्रदेश की 35 लाख महिलाओं में से अब तक 18 लाख महिलाओं को सिर्फ दो सौ रुपये के पंजीयन शुल्क पर रसोई गैस कनेक्शन दिया जा चुके हैं। उन्हें डबल बर्नर चूल्हा और भरा हुआ सिलेंडर भी मुफ्त दिया जा रहा है।

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साथ ही रमन सिंह ने कहा कि स्कूल जाने वाली बेटियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देखते हुए शुचिता योजना के तहत उन्हें सेनेटरी नेपकिन भी दी जा रही है। प्रथम चरण में 20 जिलों के दो हजार सरकारी स्कूलों में सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीनें और भस्मक मशीनें लगाई गई और तीन लाख बेटियों को इस योजना से जोड़ा गया है।

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उन्होंने कहा, “अब प्रदेश के सभी हाई स्कूलों और कॉलेजों में यह मशीन लगाएंगे ताकि दस लाख बेटियां इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे।”

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