EC की कार्यशैली पर विपक्ष ने उठाया सवाल, संवैधानिक जनादेश कायम रखने में बताया विफल
नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग की ‘निष्क्रियता’ को लेकर कड़ी आलोचना की। विपक्षी दलों ने गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई न करने को लेकर कहा कि चुनाव आयोग के इस रवैये ने उनकी विश्वसनीयता पर गलत छाप छोड़ी है।
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शुक्रवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले रणनीति बनाने के लिए संसद में बैठक के बाद विपक्षी दलों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “विपक्षी दल गुजरात चुनाव के दौरान और मतदान के दिन अहमदाबाद में रोड शो करने के लिए नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल साथियों द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की कड़ी शब्दों में आलोचना करते हैं।”
बयान में कहा गया है, “चुनाव आयोग की निष्क्रियता वास्तव में चौंकाने वाली है क्योंकि संस्था अनुच्छेद 324 के तहत अपने संवैधानिक जनादेश को कायम रखने में नाकाम रही है।”
विपक्षी नेता की बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकाार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधया, नेशनल कांफ्रेंस के नाता फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल, सीपीआई के डी. राजा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, एनसीपी के तारिक अनवर और राजद के जे.पी. यादव शामिल हुए थे।
विपक्षी नेताओं ने कहा कि उल्लंघन के लिए कार्रवाई करने के बजाए, चुनाव समिति ने सत्तारूढ़ भाजपा को उल्लंघन की अनुमति दी और प्रधानमंत्री को मतदान के दिन ‘कलवरी’ को समर्पित करने की इजाजत दे दी।
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उन्होंने कहा कि इस कार्य का सीधा लाभ मतदाताओं के जरिए सत्तारूढ़ भाजपा को मिलेगा।
नेताओं ने कहा, “निर्वाचन आयोग के इस दृष्टिकोण ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर एक गलत छाप छोड़ी है।
विपक्षी पार्टी के नेताओं ने शरद यादव और अली अनवर को राज्यसभा की सदस्यता के लिए उचित प्रक्रिया के बिना अयोग्य ठहराए जाने के निराशाजनक निर्णय पर अपनी निराशा और नाराजगी व्यक्त की।
नेताओं ने कहा, “यह निर्णय अनुचित और अन्यायपूर्ण है।”
विपक्षी दल सोमवार को दोबारा मिलेंगे और शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति तैयार करेंगे।
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