बड़ो के चरण छूने से केवल आशीर्वाद ही नहीं मिलता, होते हैं ये बड़े चमत्कार

आज हमारे देश, समाज में पश्चिमी संस्कृति इतनी हाबी हो गई है कि लोग अपनी संस्कृति-सभ्यता भूलते जा रहे हैं। पहले लोग हाथ जोड़ कर चरण स्पर्श कर अपने से बड़ो का अभिवादन करते थें। आज अभिवादन करने का तरीका बदल गया है। आज के छोटे क्या बड़े भी हेलो बोलकर अभिवादन करते हैं। लेकिन चरण स्पर्श कर अभिवादन करने से उचित लाभ मिलता है। ऐसे अभिवादन करने से भाग्य बेहतर होता है और संकट मिट जाते हैं।

आशीर्वाद

चरण स्पर्श के लाभ

हर मनुष्य के अंदर एक विशेष तरह की ऊर्जा होती है। जो व्यक्ति के हाथों और पैरों से बाहर निकलती है।

यह ऊर्जा स्पर्श से एक दूसरे तक पंहुच जाती है।

हाथों से पैरों को स्पर्श करते ही व्यक्ति ऊर्जा खींच लेता है।

इसी प्रकार से सर पर हाथ रखते ही व्यक्ति अपनी ऊर्जा दे देता है।

अगर ऊर्जा शुभ है तो तत्काल लाभ होता है।

चरण स्पर्श करने के नियम

चरण उसी के स्पर्श करें, जिसके प्रति मन में श्रद्धा हो।

और जो श्रद्धा के योग्य हो।

अगर झुककर चरण स्पर्श कर रहे हैं तो हाथों की अंगुलियों से पैरों का अंगूठा छुएं।

अगर घुटनों के बल बैठकर कर रहे हैं तो अपना सर चरणों में रखें।

साष्टांग प्रणाम केवल अपने गुरु या ईष्ट को करें, अन्य किसी को नहीं।

महिलाओं को साष्टांग प्रणाम करना मना है।

जब भी कोई चरण स्पर्श करे तो उसके सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दें। `

माता पिता को अपनी पुत्रियों से चरण स्पर्श नहीं करवाने चाहिए।

चरण स्पर्श करके कैसे ग्रहों को अनुकूल करें?

पिता के चरण स्पर्श करने से सूर्य की पीड़ा समाप्त होती है।

मां के चरण स्पर्श करने से चन्द्रमा अनुकूल होता है।

स्त्री के चरण स्पर्श करने से बुध और शुक्र मजबूत होंगे।

भाई और बहन के चरण स्पर्श करने से मंगल की समस्याएं दूर होंगी।

वृद्ध व्यक्ति के चरण स्पर्श करने से बृहस्पति मजबूत होगा।

सात्विक, सदाचारी और ईमानदार व्यक्ति के चरण स्पर्श से शनि, राहु, केतु नियंत्रित होंगे।

संतों और महात्माओं के चरण स्पर्श करने से हर तरह की बांधा दूर होती है।

सभी ग्रहों की पीड़ा शांत होती है।

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