OMG! पृथ्वी के इस कोने में मौजूद है ‘नर्क का द्वार’, मरने के बाद…

नई दिल्ली: अगर कोई कहे की उसने नर्क का दरवाजा देखा है शायद ही आप यकीन न हो लेकिन तुर्कमेनिस्तान के देरवेजे गांव में धरती का ‘नर्क का द्वार’ मौजूद है। यहां पर जमीन में एक छेद है, जिससे 24 घंटे अग्नि की लपटें निकलती रहती हैं। यह गड्ढा 70 मीटर चौड़ा है और इसकी गहराई मापी नहीं जा सकी है। इसे ‘डोर टू हेल’ भी कहा जाता है।

नर्क का द्वार

47 साल पहले हुई थी इस जगह की खोज

आग उगलते इस विशाल छेद के पीछे की एक वास्तविक कहानी छुपी हुई है। बताया जाता है कि करीब 47 साल पहले 1971 में सोवियत वैज्ञानिकों की एक टीम यहां प्राकृतिक गैस का भंडार तलाशने आई थी। इसी दौरान वैज्ञानिकों की टीम खुदाई करते हुए नीचे एक गैस से भरी हुए बड़ी गुफा तक पहुंच गई।

खुदाई के दौरान गुफा की छत नीचे गिर गई और जहरीले गैस लीक होने लगी। ये गैस काफी जहरीली थी। इसकी वजह से वहां रहने वाले लोगों को परेशानी होने लगी। आज तक एेसे ही जल रही है ये आग

स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए वैज्ञानिकों ने गैस के रिसाव को रोकने की कोशिश की। उन्होंने यहां आग लगा दी। उन्हें लगा था कि ये आग कुछ ही दिनों में बुझ जाएगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ। ये आग आज तक यहां पर ऐसे ही जल रही है।

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तुर्कमेनिस्तान का 70 फीसदी एरिया डेजर्ट है

बता दें, तुर्कमेनिस्तान का 70 फीसदी एरिया डेजर्ट है। पूरा तुर्कमेनिस्तान पांच राज्यों में बटा है। इसका दूसरा सबसे बड़ा राज्य अहल वेलायत है जोकि पूरा ही डेजर्ट एरिया है। यहां पर पूरे तुर्कमेनिस्तान की केवल 14 फीसदी आबादी रहती है, लेकिन यह डेजर्ट एरिया प्राकर्तिक संसाधनों से परिपूर्ण है। दरवेजे गांव भी इसी डेजर्ट एरिया में स्तिथ है।

बन चुका है टूरिस्ट प्लेस

‘डोर टू हेल’ तुर्कमेनिस्तान का एक प्रमुख टूरिस्ट प्लेस बन चुका है। इस जगह की पूरी भव्यता रात के समय ही दिखती है, जब कई किलोमीटर दूर से भी इस जगह के ऊपर सुनहरी आभा नजर आती है। दिन में सूरज कि रोशनी में यह दूर से एक आम क्रेटर ही नजर आता है।

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