चीन का सामना करने के लिए भारत में 6 नई परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण शुरू

परमाणु पनडुब्बीनई दिल्ली। हिन्द महासागर में चीन की रणनीतिक और सैन्य चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत ने छह नई परमाणु पनडुब्बी के निर्माण का काम शुरू कर दिया है। इस परियोजना से नौसेना समंदर में मारक क्षमता बढ़ाने के साथ प्रतिद्वंद्वी की रणनीतिक बढ़त को भी थामेगी। हिन्द महासागर में चीन की चौधराहट रोकने को भारत, अमेरिका, जापान व ऑस्ट्रेलिया के बन रहे गठजोड़ में भी नौसेना खास भूमिका निभाएगी।

नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने शुक्रवार को सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में परमाणु पनडुब्बी निर्माण परियोजना के शुरू होने का एलान करते हुए कहा कि नई बन रही परमाणु पनडुब्बी कलवरी के जल्द ही नौसेना में शामिल होगी। भारतीय नौसेना परंपरागत और नई सुरक्षा चुनौतियों के हर खतरे से निपटने की रणनीति के लिए तैयारी में है। इसी रणनीति के तहत छह नई परमाणु पनडुब्बी का निर्माण किया जा रहा है।

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हिन्द महासागर में चीनी नौसेना की बढ़ी सक्रियता से भारत पर मंडरा रहे खतरों पर लांबा ने कहा कि चीनी पनडुब्बियों को पाकिस्तान और श्रीलंका के पास तैनात करने का सिलसिला 2013 में शुरू हुआ था। इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। हम इसकी निगरानी कर रहे हैं। यदि ग्वादर से चीन की पीएलए नेवी के सैन्य जहाज ऑपरेट होते हैं तो यह सुरक्षा के लिहाज से खतरा है।

डोकलाम सीमा पर चीन से विवाद के दौरान चीनी नौसेना की बढ़ी सक्रियता पर उन्होंने कहा कि हिन्द महासागर में अमूमन चीनी नौसेना के आठ जहाज तैनात रहते हैं। मगर बीते अगस्त में इनकी संख्या 14 हो गई थी। इसी दौरान डोकलाम विवाद चरम पर था। फिलीपींस में पिछले महीने आसियान देशों की बैठक के दौरान हाल ही में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की हिन्द महासागर और एशिया प्रशांत क्षेत्र के समुद्री इलाके में चीन की दादागीरी रोकने पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमति बनी थी।

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चीन ने उसकी समुद्री ताकत की घेरेबंदी के लिए बन रही इस चौकड़ी की आलोचना भी की थी। चार दिसंबर को नौसेना दिवस है। वर्तमान में नौसेना 34 नए जहाजों का निर्माण कर रही है। करीब 40,000 करोड़ रुपये की परियोजना में निजी शिपयार्ड कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा। स्वदेश में बन रहे एयरक्राफ्ट कैरियर आइएसी-1 का निर्माण प्रगति पर है। नौसेना इसे 2020 तक बेड़े में शामिल करने की उम्मीद कर रही है। लांबा ने कहा, नौसेना को एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरने वाला एलसीए चाहिए। तेजस अभी जमीन से उड़ान भरने के लिए ही तैयार हो रहा है।

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