
नई दिल्ली : अब देश में कुष्ठ रोगियों पर सरकार ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने की कोशिश कर रही है। देश में कुष्ठ रोगियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार नया कानून बनाने जा रही है।
इससे पहले भी सरकार ने इसे लेकर कई प्रयास किये लेकिन वो सफल नहीं रहे। अंततः सोमवार को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में कैबिनेट ने बिल मंजूर कर लिया है। अब नए कानून को संसद के सामने पेश किया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, महाराष्ट्र और मणिपुर ने जवाब दाखिल करते हुए अपने यहां की स्थिति साफ की थी।
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को अपने कानूनों की जांच करने और सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया था। ताकि कुष्ठ रोगियों से प्रभावित व्यक्तियों के खिलाफ ऐसा कोई भेदभाव न हो।
पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि ऐसे कानून, जो कुष्ठ रोगियों से भेदभाव करते हैं, उन्हें दूर करने के लिए सरकार एक बिल लाने जा रही है। ASG पिंकी आनंद ने कोर्ट को बताया था कि कैबिनेट में इस मामले को भेजा जाएगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि टीबी की तरह कुष्ठ रोग को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसमें कोई विवाद नहीं है और किसी भी पीडि़त को पीड़ा ना सहनी पड़े।