सरकार ही नहीं मौसम ने भी रची किसानों के खिलाफ साजिश!

रिपोर्ट- विनीत त्यागी

रुड़की। जहां एक ओर किसान गन्ना भुगतान की मांग को लेकर लगातार आन्दोलरत है वहीं अब बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि  ने किसानों की धान दलहन की फसलों को भारी नुकसान पहुँचाया है जिससे किसानों के चेहरों पर मायूसी नज़र आ रही है।

 

फसल

आपको बता दें कि अक्टूबर माह में किसानों के सामने बारिश आफत बनकर आई है जहाँ किसानों की खेत मे खड़ी धान की फसल को आंधी और ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुँचाया हैं किसानों का कहना है एक ओर जहां सरकार किसान विरोधी कार्य कर रही वहीं दूसरी तरफ कुदरत का कहर भी अन्नदाता पर टूट रहा है जिससे किसान आज आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है।

किसानों का कहना है कि इस बार की बारिश और ओलावृष्टि ने धान की फसल को 80 से 90 प्रतिशत नुकसान पहुँचा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार से मुआवजे की मांग करते है तो बीमा कम्पनियों के पाले में गेंद डाल देते है ऐसे अन्नदाता कई बार बीमा कम्पनियों के चक्कर काटता है फिर भी उसे अपनी फसल का उचित मुआवजा नहीं मिलता है।

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इस बे मौसमी बारिश किसानों की चार महीने की मेहनत पर पानी फेर दिया है जिससे किसान काफी मायूस नज़र आ रहा हैं किसानों कहना है कि जहासरकार किसान विरोधी कार्य कर रही है तो बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी जिससे देश का अन्नदाता आज भुखमरी की कगार पर पहुँच चुका है।

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