महाभारत से जुड़ा है गुरुगांव देवी मंदिर का इतिहास

रिपोर्ट- दिलीप कटियार

फर्रूखाबाद। शारदीय नवरात्र में महाभारत कालीन गुरुगांव देवी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। नवरात्र के तीसरे दिन सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा है। मान्यता है कि पांडवों के अज्ञातवास के दौरान गुरु द्रोणाचार्य ने इस इलाके में प्रवास कर मैया की प्रतिमा स्थापित की थी। इसीलिए मैया की प्रतिमा का नाम गुरु गाँव  देवी (गुरु ग्रामेश्वरी देवी) पड़ा।

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प्रतिमा मंगलवार को स्थापित हुई थी इसलिए यहाँ मैया को मंगला देवी भी कहते हैं। यह सिद्धपीठ है। ऐसा सच्चा दरबार है जहाँ मैया अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती है। गुरुगांव देवी मंदिर में दोनों नवरात्रों में विशाल मेला लगता है।

शहर की पश्चिमी सीमा पर स्थित गुरुगाँव देवी मंदिर जनपद का प्रतिष्ठित मंदिर है। मंदिर में मैया की प्रतिमा महाभारतकालीन है। मान्यता है कि पांडवों के अज्ञातवास के दौरान गुरु द्रोणाचार्य ने यहाँ प्रवास के दौरान मैया की प्रतिमा स्थापित की थी। इसलिए  मैया का नाम उन्हीं के नाम पर गुरु गरमेश्वरी देवी पड़ा।

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बताया जाता है कि गुरु द्रोणाचार्य ने यहाँ माता की प्रतिमा स्थापित की थी जीर्णोद्धार के बाद मंदिर की महिमा और प्रतिष्ठा और बढ़ गयी है। मंदिर में मंगलवार के दिन विशेष कीर्तन और पूजन होता है। वासंतीय और शारदीय नवरात्र में मंदिर में भव्य मेला आयोजित होता है।  रेखा सक्सेना, अर्चना ने बताया कि मैया की उनपर विशेष कृपा है, मैया ने उन्हें सब कुछ  दिया है।

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