विधानसभा अध्यक्ष पर भड़के नीतीश कुमार, विजय सिन्हा को पढ़ाया कानून का पाठ

दिलीप कुमार

बिहार विधान सभा में सोमवार को सीएम नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा में जिस तरह से नोक झोक हुआ, उसे पूरा दश देखा। नीतीश कुमार अपने धीर गंभीर स्वाभाव से जाने जाते हैं, लेकिन कल का जो दृश्य था वह बेहद अप्रत्याशित था।

विधान सभा में नीतीश कुमार जिस तरह से आगबबूला हो रहे थे, उसे देखकर अन्य सदस्य अचंभित थे और इसका असल कारण समझने का प्रयास कर रहे थे। इस नोकझोक के बाद लोग कयास लगा रहे हैं कि बिहार के गठबंधित सरकार का क्या होगा ?

आपको बता दें कि बिहार विधान सभा में अध्यक्ष के खिलाफ जिस तरह से नीतीश कुमार ने तेवर दिखाया और जिन शब्दों का प्रयोग किए, इससे पहले इस तरह से किसी सीएम ने विधान सभा में आसन के प्रति ऐसे तेवर नहीं दिखाए थे।

गौरतलब है कि बिहार विधान सभा में बजट सत्र चल रहा है। उस दौरान दो तीन दिनों से नीतीश कुमार को लखीसरांय मामले को लेकर घेरा जा रहा है, जिस वजह से नीतीश कुमार बेहद नाराज हो गए। विधानसभा अध्यक्ष लखीसरांय निर्वाचन क्षेत्र से आते हैं। बता दें कि कोविड के दौरान लखीसरांय में सभी नियमों को ताक पर रखकर सरस्वती पूजा कराया गया था। कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोप में बीजेपी के दो नेताओं पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था।

नीतीश सरकार के इस कार्रवाई से न केवल सिन्हा ही बल्कि बिहार बीजेपी का नेतृत्व भी नाराज था। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने सही कार्रवाई कराने के लिए पहले स्थानीय स्तर पर फिर डीजीपी स्तर पर जांच कराने के नाम पर इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया गया। इस लिए वो नाराज हो गए।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विधान सभा में एक तरह से स्पष्ट कर दिया कि सीमा से अधिक सरकार के काम काज में हस्तक्षेप उन्हें बर्दाश्त नहीं, चाहे वो विधान सभा अध्यक्ष हों या फिर बीजेपी का वरीष्ठ नेता हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी सीटों के आधार पर भले ही तीसरे नंबर की पार्टी हो, लेकिन सरकार उनके विवेक से ही चलेगा। सीएम के द्वारा विधानसभा में जिस तरह से विधानसभा में बाते रखी गईं, उससे विधानसभा झलक मिला है कि विधानसभा में जो कुछ हो रहा है वह संविधान सम्मत नहीं हो रहा है।

उधर एनडीए के विधायकों का रोना है कि नीतीश कुमार लल्लन सिंह के प्रभाव और दबाव में आकर इस मामले में अधिकारियों को बचा रहे हैं। लल्लन और विजय सिन्हा के बीच हमेसा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है, क्यों कि लखीसरांय लल्लन सिंह के मुंगेर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है।
बीजेपी विधायक यह भी मानते हैं कि सोमवार को विधान सभा में हुए ड्रामा का कोई भी असर एनडीए की सरकार पर नहीं पड़ेगा। बीजेपी हाई कमान अभी किसी भी प्रकार का नीतीश कुमार को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है।

एनडीए गठबंधन यह भी स्वीकार करते हैं कि अगर विधान सभा अध्यक्ष के साथ कथित रूप से दुर्व्यावहार करने वाले अधिकारी अभी भी अपने पद पर टिके रहे तो इसका खामियाजा आखिरकार सभी दलों के जन प्रतिनिधियों को उठाना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अधिकारी मनबढ़ हो जाएंगे और वो किसी भी जनप्रतिनिधि के बातों पर कोई खास दिलचस्पी नहीं उठाएंगे।

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