विरोध-ए-न्यू इयर : बधाई देने वाले को मिलेगी सजा, सरकार का भी ‘सर्कुलर’ जारी

नए साल की बधाईनई दिल्ली। साल 2017 खत्म होने का काउंडाउन शुरू हो चुका है। सभी 2018 का वेलकम करने के लिए तैयार हैं। हर साल की तरह नए साल की बधाई देने की सोच रहे हैं तो थोड़ा संभल जाइए। एक प्रसिद्ध मंदिर चिलकुर बालाजी के पुजारियों ने ऐलान किया है कि अगर नए साल पर उन्हें किसी ने आकर बधाई दी, तो बदले में वो उसे सजा देंगे।

हैदराबाद के एक प्रसिद्ध मंदिर चिलकुर बालाजी के पुजारियों ने ऐलान किया है कि अगर नए साल पर उन्हें किसी ने आकर नए साल की बधाई दी, तो बदले में वो उसे सजा मिलेगी।

सजा भी ऐसी दी जाएगी कि बधाई देने वाला वर्षों याद रखे। सैकड़ों भक्तों के बीच और खुले आसमान के नीचे। पुजारियों का कहना है कि 1 जनवरी को नए साल का पहला दिन मानने पर प्रतिबंध लगना चाहिए।

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अमेरिका जाने के वीजा की मन्नत मांगने ज्यादातर लोग इस मंदिर में आते हैं, लेकिन यहां के मुख्य पुजारी को अगर किसी ने अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से 1 जनवरी को नए साल की बधाई दे दी तो उन्‍हें उठक-बैठक करनी पड़ सकती है।

उगादी त्‍योहार से शुरू होगा नया साल

खुद को हाईटेक मुख्यमंत्री की तरह पेश करने वाले चंद्रबाबू नायडू की सरकार भी न्यू ईयर सेलेब्रेशन के खिलाफ खड़ी हो गई है। आंध्र प्रदेश के धर्मस्व विभाग के अंतर्गत काम करने वाले हिंदू धर्म परीक्षण ट्रस्ट ने सर्कुलर जारी किया है कि किसी भी मंदिर में 1 जनवरी पर विशेष पूजा अर्चना नहीं होगी। धर्मस्व विभाग का कहना है कि आंध्रप्रदेश में नया साल उगादी नाम के त्योहार के दिन से शुरू होता है, एक जनवरी से नहीं।

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मंदिरों ने न पूजा होगी न ही उसे सजाया जाएगा

हिंदू धर्म परिरक्षण ट्रस्ट के सचिव सीवी राघवाचारीयलु, ने बताया कि सनातन धर्म के हिसाब से नया साल उगादी से शुरू होता है। तेलुगु पंचांग में यही नए साल का त्योहार है और तभी विशेष पूजा और अनुष्ठान करने चाहिए। लेकिन कुछ सालों से हम लोग अपना हिंदू कैलेंडर भूलकर पराए अंग्रेजी कैलेंडर को मानने लगे हैं। इसलिए आंध्र प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि 1 जनवरी को मंदिरों को सजाया नहीं जाए और विशेष पूजा अर्चना भी नहीं कराई जाए। 31 दिसंबर और 1 जनवरी में कोई अंतर नहीं है।

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