
देहरादून। राज्य महिला आयोग महिला सुरक्षा और उनके अधिकार को लेकर तैयारियों में जुटा है। इस आयोग द्वारा महिला नीति का ड्राफ्ट जल्द ही तैयार किया जाएगा। यह महिला नीति उत्तराखंड की पहली नीति है। इस नीति का ड्राफ्ट आयोग सरकार को दिसंबर तक भेजेगा।
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इस नीति में लक्ष्यों, उद्देश्यों और महिलाओं को सशक्त बनाने के अलावा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक सशक्तिकरण पर केंद्रित किया जा रहा है। महिला नीति को लेकर आयोग पिछले कई महिनों से कई तरह के संगठनों के बीच जाकर बैठक कर रहा है। इन बैठकों के बीच महिलाओं की ओर से काफी सुझाव मिलता है। इन सुझाव को मद्देनजर रखते हुए उन्हें ड्राफ्ट में शामिल करने पर सोच-विचार किया जा रहा है।
आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा और सचिव रमिन्द्री मन्द्रवाल की अध्यक्षता में तीन बैठकें पिछले माह में आयोजित की गईं। इसमें हर एक क्षेत्रों से जुड़े संगठनों ने महिला नीति को लेकर अपने-अपने धाराएं पेश की। अब अक्तूबर के पूर्व सप्ताह में आयोग की ओर से बैठक आयोजित की जाएगी।
राज्य महिला आयोग महिला नीति में घरेलू हिंसा और लड़कियों की सुरक्षा पर जोर दे रहा है। इसने 18 बिन्दुओं पर सुझाव मांगा है और इस साल के भीतर ही नीति का ड्राफ्ट सरकार को भेजेंगे। महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा और समस्या के लेकर आयोग काफी गंभीर है
रमिन्द्री मंद्रवाल, सचिव उत्तराखंड राज्य महिला आयोग बैठक में महिला संगठनों की ओर से महिला के सपोर्ट में काफी सुझाव सामने आए, अधिकांश सुझाव घरेलू हिंसा और स्कूली छात्राओं की सुरक्षा को लेकर दिए गए। इसके साथ- साथ गर्भवती महिलाओं के पोषण और हेल्थ पर भी खास जोर दिया गया। पहाड़ की महिलाओं को डिलीवरी के दौरान उचित सुविधा देने और दाइयों की जगह आशा कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी सौंपने पर सुझाव मिले।