
नई दिल्ली में जीएमसी बालयोगी सभागार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी सांसदों की महत्वपूर्ण बैठक हुई। संसद के मानसून सत्र के दौरान यह सत्ताधारी गठबंधन की पहली बैठक थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सम्मानित किया गया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनडीए सांसदों की ओर से पीएम मोदी को सम्मानित किया, और इस दौरान ‘हर-हर महादेव’ के नारों से सभागार गूंज उठा। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव की सफलता पर एक साझा प्रस्ताव भी पारित किया गया।
बैठक में पारित प्रस्ताव में 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) द्वारा किए गए कायराना हमले का जिक्र किया गया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की गई थी। प्रस्ताव में कहा गया कि इस हमले के जवाब में पीएम मोदी ने 24 अप्रैल को बिहार से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए आतंकियों और उनके समर्थकों को सजा देने का संकल्प लिया। इसी के तहत 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह एक सटीक और सीमित सैन्य अभियान था, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और समर्पण के लिए सराहा गया।
प्रस्ताव में भारतीय संस्कृति में ‘सिंदूर’ के प्रतीकात्मक महत्व को भी रेखांकित किया गया, जो महिलाओं के सुहाग और सम्मान का प्रतीक है। आतंकियों द्वारा महिलाओं के सम्मान पर हमले का बदला लेने के लिए इस ऑपरेशन को विशेष रूप से महिलाओं का समर्थन मिला। एनडीए सांसदों ने पीएम मोदी की निर्णायक नेतृत्व शैली, दूरदर्शिता और ‘नए भारत’ के आतंकवाद-विरोधी संकल्प की प्रशंसा की। इसके साथ ही, रक्षा सुधारों, स्वदेशीकरण और ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीतियों को भी ऑपरेशन की सफलता का आधार बताया गया।
प्रस्ताव में भारत की कूटनीतिक उपलब्धियों का भी उल्लेख किया गया। पीएम मोदी के नेतृत्व में 59 सांसदों का शिष्टमंडल 32 देशों में भेजा गया, जिसने वैश्विक मंचों पर भारत की आतंकवाद-विरोधी नीति को मजबूती से प्रस्तुत किया और पाकिस्तान को बेनकाब किया। अमेरिका द्वारा टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करना और ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंडों की निंदा को भारत की कूटनीतिक जीत बताया गया। एनडीए ने एक विकसित, सुरक्षित और शांतिपूर्ण भारत के निर्माण का संकल्प दोहराया।
यह बैठक बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच हुई, जिसके कारण संसद सत्र में व्यवधान देखा गया। पिछले हफ्ते ऑपरेशन सिंदूर पर दो दिनों की विशेष चर्चा हुई, जिसमें विपक्ष ने अचानक संघर्ष विराम और पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक पर सवाल उठाए।
इस बीच, पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की अटकलें तेज हो गई हैं। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बाद, इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।