
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की नयी प्रशिक्षण नियमावली जोकि देश के विद्यालयों में ट्रांसजेंडर बच्चों (Transgender Children) को शामिल करने पर बनी थी अब NCERT की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। यह नियमावली कुछ दिनों से विवादों में बनी हुई थी। एनसीईआरटी (NCERT) के अधिकारियों की नियमावली को वापस लेने के संबंध में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है।

इस संबंध में एनसीईआरटी (NCERT) को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा दस्तावेज़ भेजे गए जिसमें ‘‘विसंगतियों” को ठीक करने के लिए कहा गया था। एनसीईआरटी में ‘जेंडर स्टडीज’ विभाग द्वारा प्रकाशित ‘इंक्लूजन ऑफ ट्रांसजेंडर चिल्ड्रेन इन स्कूल एजुकेशन: कन्सर्न्स एंड रोड मैप’ शीर्षक वाली नियमावली का उद्देश्य शिक्षकों को एलजीबीटीक्यू समुदायों के प्रति शिक्षित करने और संवेदनशील बनाना था। यह ट्रांसजेंडर बच्चों के लिए स्कूलों को संवेदनशील और समावेशी बनाने के लिए व्यवहारों और रणनीतियों पर प्रकाश डालता है।

इस दस्तावेज में कई सुधार करने के लिए कहा गया था जैसे लिंग के आधार पर तटस्थ शौचालय और पोशाक का प्रावधान किया जाए, गैर-शिक्षण कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने के लिए कहा गया, ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को परिसर में बोलने के लिए खुली छूट देना आदि।

2 नवंबर को एनसीपीसीआर ने कहा था कि एनसीईआरटी की लैंगिक रूप से तटस्थ शिक्षक प्रशिक्षण नियमावली विविध विशेष जरूरतों वाले बच्चों को एक समान अधिकारों से वंचित करेगी। आयोग ने एनसीईआरटी को इसमें विसंगतियों” को सहीं करने के लिए आदेश दिया था।