नवरात्रि स्पेशल: जानें… व्रत में सेंधा नमक का धर्म के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व

नवरात्रों का आगाज़ हो चुका है। माता रानी के पावन दिनों में लगभग सभी लोग व्रत रखते हैं। बहुत से लोग इन दिनों में कई तरह की व्रत वाली डीश खाना पसंद करते हैं। लेकिन सभी डीशों में साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है। मगर आपने कभी ये जानने की कोशिश की कि हम व्रत में सादे नमक की जगह सेंधा नमक ही क्यों इस्तेमाल करते हैं?

सेंधा नमक

दरअसल सेंधा नमक पोषण के नजरिए से सादे नमक से बेहतर होता है। शुद्ध होने के कारण भी व्रत के दौरान सेंधा नमक खाया जाता है।

व्रत के दौरान शरीर को अधिक पोषण की जरुरत होती है। ऐसे में सेंधा नमक का इस्तेमाल बेहतर होता है।

सेंधा नमक अपने शुद्ध रुप में होता है इसे केमिकल प्रोसेस से नहीं गुजरना होता। जबकि सादे नमक को केमिकल प्रोसेस से गुजरना होता है।

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इसमें सोडियम की मात्रा सादे नमक से कम होती है इसलिए यह हाइपरटेंशन की समस्या को नहीं बढ़ाता। हालांकि इसका सेवन भी नियंत्रित मात्रा में ही उचित होता है।

सेंधा नमक मिनरल्स का सेलुलर एब्सोर्प्शन बढ़ाता है जिससे यह शरीर में इलेक्ट्रोसाइट्स और पीएच संतुलन को बनाएं रखता है।

सेंधा नमक कई तरह की समस्याओं को ठीक करने के लिए घरेलू उपचारों में किया जाता है।

सेंधा नमक में सादे नमक की तुलना में ज्यादा मिनरल पाएं जाते हैं। सेंधा नमक में 94 ट्रेस मिनरल होते हैं। जो शरीर के काफी जरूरी माने जाते हैं।

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