जगदीप धनखड़ पर कांग्रेस के ‘चीयरलीडर’ कटाक्ष पर नड्डा ने कहा, ‘संवैधानिक पद का अपमान’

राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को कहा कि आसन से स्वीकार्यता के बारे में सवाल नहीं किया जाना चाहिए या उसकी आलोचना नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने इसे सदन और सभापति की अवमानना बताया।

जेपी नड्डा ने कहा कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी एक गलत उदाहरण पेश करती है और इसकी सभी को निंदा करनी चाहिए।

राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को कहा कि आसन से स्वीकार्यता के बारे में सवाल नहीं किया जाना चाहिए या उसकी आलोचना नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने इसे सदन और सभापति की अवमानना बताया।

उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यक्ष की आलोचना करने की भी निंदा की और इसे गलत बताया।

नड्डा ने कहा, “स्वीकार्यता या किसी अन्य उद्देश्य के लिए अध्यक्ष से सवाल नहीं किया जा सकता। अध्यक्ष के फैसले पर सवाल नहीं उठाया जा सकता या उसकी आलोचना नहीं की जा सकती; ऐसा करना सदन और अध्यक्ष की अवमानना है। यह बहुत दुखद है कि कल विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जो एक बहुत वरिष्ठ नेता हैं, ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अध्यक्ष की आलोचना की। इससे एक गलत परंपरा शुरू हुई है जिसकी सभी को निंदा करनी चाहिए।”

खड़गे के इस आरोप पर कि उन्हें सदन में बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है, नड्डा ने कहा कि विपक्ष के नेता को सभापति द्वारा सदन में आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने चर्चा में भाग नहीं लिया।

नड्डा ने कहा, ‘‘उन्होंने पिछली बीएसी बैठक में हिस्सा नहीं लिया, इससे पता चलता है कि लोकतंत्र में उनकी कितनी रुचि है।’’

नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से अध्यक्ष को “चीयरलीडर” कहा गया था।

उन्होंने कहा, “जिस तरह से संवैधानिक पद को नीचा दिखाने की कोशिश की गई है, वह संवैधानिक मूल्यों पर आघात है। भारत के लोग इसे माफ नहीं करेंगे।”

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