नई दिल्ली। हाल ही में चर्चा में आई मुस्लिम योग टीचर राफिया नाज के सपोर्ट में योग गुरु रामदेव अब मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने महिला के खिलाफ फ़तवा जारी करने वालों और उनके घर पर पत्थरबाजी करने वाले लोगों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने अपनी बातों में साफ़ किया कि योग एक व्यायाम है। उसे किसी धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
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बता दें राफिया रांची में एम.कॉम. की पढ़ाई करती हैं। राफिया अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। उसे मिल रही धमकियों से उसके माता-पिता सहम गए हैं।
राफिया नाज को योग सिखाने के कारण इस्लाम से बेदखल करने का फतवा जारी किया गया। साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली है।
रामदेव ने कहा ‘ईराक, ईरान अफगानिस्तान पाकिस्तान और सऊदी अरब समेत कई ऐसे मुस्लिम देश हैं जो योग करते हैं।
यह सिर्फ एक व्यायाम है जो मन और शारीर के लिए अच्छा है। ऐसे में धर्म को योग के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’
वहीं राफिया का कहना है कि उन्हें कई धमकियां मिली हैं, लेकिन वे इन धमकियों से डरने वाली नहीं और ताउम्र योग करती रहेंगी। साथ ही उन्होंने सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार का शुक्रिया अदा किया है।
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राफिया को मुसलमानों के साथ ही हिन्दुओं से भी शिकायत है। राफिया ने कहा, “मुझे दोनों समुदायों से शिकायत है। एक तरफ मुझसे योग न सिखाने के लिए कहा जा रहा है तो दूसरी तरफ लोग मुझे नाम बदलने की सलाह दे रहे हैं ताकि मुझसे योग सीखने में किसी को झिझक न हो।”
नाजिया को मिली धमकी को देखते हुए राज्य की बीजेपी सरकार ने उनकी सुरक्षा सुरक्षा के लिए उन्हें दो बॉडी गार्ड दिए हैं।
झारखंड पुलिस ने राफिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महिला और एक पुरूष पुलिस अंगरक्षक तैनात किए हैं।
राफिया तब चर्चा में आईं जब रामदेव के एक कार्यक्रम में मंच पर योग करने के दौरान की उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।
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