इतिहास में पहली बार महिला ने की नमाज की अगुवाई, मिली हत्या की धमकी

नई दिल्ली: देश में बदलाव की बयार शुरु हो गई है। तीन तलाक पर सामने आकर मुस्लिम महिलाओं ने अपने इरादे साफ कर दिए थे। अब एक बड़ा अचम्भा हुआ है। यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है। लैंगिक रुढ़ीवाद की दीवार को ढहाते हुए एक नमाज की अगुवाई की।

इतिहास में पहली बार

केरल के मलप्पुरम में 34 वर्षीय महिला ने जुम्मे की नमाज की अगुवाई की जिसे देश के इतिहास में इस तरह की पहली घटना बताया जा रहा है।

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कुरान सुन्नत सोसायटी की महासचिव जमीता ने इस मुस्लिम बहुल जिले में सोसायटी के कार्यालय में नमाज के दौरान इमाम की भूमिका निभायी।

हर शुक्रवार को होने वाली जुम्मे की नमाज की अगुवाई सामान्यत: पुरुष करते हैं। सोसायटी के सूत्रों ने बताया कि महिलाओं समेत करीब 80 लोगों ने इस नमाज में हिस्सा लिया।

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जमीता ने कहा कि पवित्र कुरान मर्द और औरत में कोई भेदभाव नहीं करता है तथा इस्लाम में महिलाओं के इमाम बनने पर कोई रोक नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार हमारे देश के इतिहास में कोई महिला जुम्मे की नमाज की अगुवाई कर रही है। यह हमारी सोसायटी के केंद्रीय समिति कार्यालय में हुई जहां हम नमाज के लिए हर शुक्रवार को इकट्ठा होते हैं। ’’

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जमीता को फोन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी ‘इस्लाम के खिलाफ जाने’ के लिए धमका रहे हैं। हालांकि, जमीधा को इस सबका डर नहीं है। महिला ने कहा, ‘कल के बाद से मुझे यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से धमकी मिल रही हैं। मैं परेशान नहीं है और न ही मैं दबाव में आने वाली हूं। यदि वे चाहते हैं, तो मुझे मार डालें।’

इस कदम से सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस छिड़ गयी है तथा इसके पक्ष एवं विपक्ष में लोग अपनी राय रख रहे हैं।

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