बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने 11 जून 2025 को लंदन के चैथम हाउस में एक चर्चा के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।

यूनुस ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से अप्रैल 2025 में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत से दी जाने वाली ऑनलाइन स्पीच को रोकने की अपील की थी, जो बांग्लादेश में गुस्सा भड़का रही हैं। पीएम मोदी ने जवाब दिया, “यह सोशल मीडिया है, इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता।” यूनुस ने इस जवाब पर निराशा जताते हुए कहा, “यह विस्फोटक स्थिति है, आप सिर्फ सोशल मीडिया कहकर नहीं निकल सकते।”
प्रत्यर्पण की मांग और कानूनी प्रक्रिया
यूनुस ने पुष्टि की कि बांग्लादेश ने दिसंबर 2024 में भारत सरकार को हसीना के प्रत्यर्पण के लिए पत्र लिखा था। बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध tribunal (ICT) ने पिछले सप्ताह हसीना और दो अन्य लोगों पर 2024 के छात्र-आंदोलन दमन से जुड़े सामूहिक हत्या के आरोप लगाए हैं। यूनुस ने कहा, “हम कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि यह पूरी तरह वैध और उचित हो, न कि गुस्से में कोई कदम उठाया जाए।” भारत ने अभी तक प्रत्यर्पण अनुरोध का जवाब नहीं दिया है।
भारत-बांग्लादेश तनाव का संदर्भ
हसीना अगस्त 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत में शरण लेने के लिए भाग गई थीं, जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई थी। इन प्रदर्शनों का कारण 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के सैनिकों के परिवारों के लिए विवादास्पद कल्याण और कर-मुक्ति योजना थी। यूनुस ने 8 अगस्त 2024 को अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभाला। मई 2025 में उनकी सरकार ने हसीना की अवामी लीग पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसे भारत ने बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए आलोचना की।
यूनुस ने भारत के मीडिया पर भी निशाना साधा, दावा किया कि “शीर्ष नीति-निर्माताओं से जुड़े भारतीय प्रेस में फर्जी खबरें” बांग्लादेश में गुस्सा बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ बेहतरीन रिश्ते चाहते हैं, लेकिन साइबरस्पेस में गलत सूचनाओं का सिलसिला हमें शांत रहने से रोकता है।”
पहलगाम हमले और क्षेत्रीय तनाव
यूनुस का यह बयान भारत-पाक तनाव के बीच आया, जब 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिन्दूर शुरू किया, जिसे पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई माना गया। यूनुस के एक सहयोगी, मेजर जनरल (रिटायर्ड) फजलुर रहमान, ने 29 अप्रैल को भड़काऊ बयान दिया था कि “अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो बांग्लादेश को भारत के उत्तर-पूर्व को कब्जे में लेना चाहिए।” इस बयान ने भारत में विवाद खड़ा कर दिया, हालांकि यूनुस के प्रेस सचिव ने इसे व्यक्तिगत राय बताया।
सेंट मार्टिन द्वीप विवाद
हसीना ने मई 2025 में एक फेसबुक पोस्ट में यूनुस पर बांग्लादेश को “अमेरिका को बेचने” का आरोप लगाया, विशेष रूप से सेंट मार्टिन द्वीप को लेकर, जिसे उन्होंने राष्ट्रीय संप्रभुता का प्रतीक बताया। हसीना ने दावा किया कि उनके पिता, शेख मुजीबुर रहमान, ने इस द्वीप को अमेरिका को देने से इनकार किया था, जिसके लिए उनकी हत्या कर दी गई। यूनुस ने इन आरोपों का खंडन नहीं किया, लेकिन उनकी सरकार की अमेरिका और चीन के साथ बढ़ती नजदीकियां भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।
चुनाव और आंतरिक दबाव
यूनुस ने 11 जून 2025 को घोषणा की कि बांग्लादेश में राष्ट्रीय चुनाव अप्रैल 2026 में होंगे, जिसने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की जल्दी चुनाव की मांग को खारिज कर दिया। उनकी सरकार पर सेना और राजनीतिक दलों से बढ़ता दबाव है। मई 2025 में सेना प्रमुख वाकर-उज-जमां ने यूनुस को हटाने की संभावना जताई थी, और यूनुस ने इस्तीफे की धमकी दी थी।
द्विपक्षीय रिश्तों पर प्रभाव
यूनुस ने भारत के साथ मजबूत रिश्तों की इच्छा जताई, लेकिन हसीना की मौजूदगी और उनके बयान द्विपक्षीय संबंधों में तनाव का कारण बने हुए हैं। 4 जून 2025 को पीएम मोदी ने यूनुस को ईद-उल-अज़हा की शुभकामनाएं दीं, जिसमें उन्होंने बलिदान और भाईचारे के मूल्यों पर जोर दिया। यूनुस ने 6 जून को जवाब में दोनों देशों के साझा मूल्यों का हवाला दिया।
नोट: यह मामला भारत-बांग्लादेश संबंधों में जटिलताओं को उजागर करता है। यदि आप और जानकारी, जैसे यूनुस की नीतियों, हसीना के प्रत्यर्पण की कानूनी स्थिति, या अन्य समाचारों (जैसे राजस्थान हादसा, पाक सेना प्रमुख का अमेरिकी दौरा) से तुलना चाहते हैं, तो कृपया बताएं।